Imran Khan Bushra Bibi un-Islamic marriage: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सजा सुनाई गई है. इमरान और बुशरा को ‘गैर-इस्लामिक निकाह’ मामले में 7-7 साल कैद की सजा सुनाई गई है. दोनों के निकाह को कोर्ट की तरफ से अवैध करार दिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब इस्लाम में चार शादियां जायज हैं तो फिर इमरान खान की तीसरी शादी गैर-इस्लामिक या अवैध कैसे हो गई? इसका जवाब जानने के लिए थोड़ा फ्लैश बैक में जाना पड़ेगा. जैसे- दोनों कब एक दूसरे से मिले फिर एकदूजे के हो गए और 6 साल बाद उनकी शादी ही अवैध हो गई.


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बुशरा बीबी का बैकग्राउंड समझिए 


गौरतलब है कि बुशरा बीबी इमरान खान की तीसरी पत्नी हैं. इमरान खान और बुशरा बीबी का निकाह साल 2018 में हुई थी, जिसके बाद इमरान खान पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम बने यानी प्रधानमंत्री बने थे. पाकिस्तान के चुनाव आयोग में जमा किए गए एक एफिडेविट के मुताबिक बुशरा खान, अपने शौहर इमरान खान से ज्यादा रईस हैं. पाकिस्तान में बहुत से लोगों को लगता है कि सिर्फ उनका निकाह ही 'गैर इस्लामिक' नहीं है, बल्कि वो अपने पति के कई गुनाहों में बराबर की पार्टनर हैं. 


Talaq in Islam: इस्लाम में कैसे होता है तलाक? 


पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र है. पूरी दुनिया में इस्लामिक मान्यताएं एक जैसी हैं. इस्लाम में पति-पत्नी के अलगाव होने के कई तरीके हैं. मुस्लिमों में चार शादियां यानी निकाह करने की इजाजत है, लेकिन सिर्फ पुरुषों को. पांचवां निकाह तभी वैध माना जाता है जब चार में से किसी एक पत्नी से तलाक हो चुका हो या किसी एक पत्नी की मौत हो चुकी हो. 


अभी 15 दिन पहले पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक और उनकी बेगम टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अलग हुए. तब सानिया मिर्जा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने 'खुला प्रथा' से अपने पति को छोड़ दिया. अब सवाल उठता है कि आखिर ये 'खुला' क्या है? इस्लाम में 'खुला' तलाक के सिक्के का वो पहलू है, जहां मुस्लिम महिला अपनी मर्जी से पति से अलग हो सकती है. मुस्लिम समुदाय में औरतों को भी तलाक का हक है. इस्लाम औरत को अपनी मर्ज़ी से तलाक लेने का इजाजत देता है. इस्लामिक स्कॉलरों के मुताबिक इस्लाम में ‘खुला’ मतलब औरत के तलाक के हक के बारे में है.


इन तरीकों से हो सकता है तलाक


इस्लाम में तलाक देने के तीन तरीके हैं. पहला है तलाक-ए-अहसन, दूसरा है तलाक-ए-हसन और तीसरा है तलाक-ए-बिद्दत. भारत की बात करें तो अब इन तीन तरीकों में से एक तलाक-ए-बिद्दत गैरकानूनी बन चुका है. जिसेइसे आम भाषा में तीन तलाक भी कहा जाता है. 


तलाक-ए-अहसन में शौहर बीवी को तब तलाक दे सकता है, जब उसका मासिक धर्म न चल रहा हो. हालांकि इसे तीन महीने में वापस भी लिया जा सकता है, जिसे 'इद्दत' कहा जाता है. अगर इद्दत की अवधि खत्म होने के बाद भी तलाक वापस नहीं लिया जाता तो तलाक को स्थायी माना जाता है.


किन हालात में मुस्लिम विवाह शून्‍य है?


जब निकाह किसी अयोग्य जोड़े के बीच होता है, तो उसे गैर-बाध्‍यकारी या शून्‍य विवाह माना जाता है. जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्‍यक्ति की वैध शादी वाली पत्‍नी से विवाह करता है, तो इसे भी बातिल निकाह माना जाता है. अगर कोई मुस्लिम पुरुष चार से ज्‍यादा शादियां करता है, तो बाकी सभी विवाह बातिल निकाह माने जाते हैं. गैर-मुस्लिम पुरुष या महिला से की गई शादी को इस्‍लाम में जायज निकाह नहीं माना जाता है. बातिल निकाह से पैदा हुए बच्चे नाजायज माने जाते हैं. उन्हें किसी तरह का उत्तराधिकार नहीं मिलता है. इसनिकाह में बिना किसी कानूनी औपचारिकता के दोनों आसानी से अलग हो सकते हैं.


49 साल की Bushra Bibi 71 के Imran Khan की तीसरी पत्नी


इमरान और बुशरा बीबी को ‘गैर-इस्लामिक निकाह’ मामले में सात-सात साल कैद की सजा सुनाई गई है. दोनों पर फर्जी शादी करने का आरोप था. कथित रूप से बुशरा ने बिना इद्दत पूरी किए ही इमरान से शादी रचा ली थी. इसकी शिकायत उनके पूर्व पति ख्वार फरीद मेनका ने की थी. इस निकाह को अदालत ने अवैध करार दिया है. यह मामला लंबे समय से रावलपिंडी कोर्ट में लंबित था. 


इमरान-बुशरा का निकाह कैसे गैर इस्लामी हुआ?


इमरान खान और बुशरा बीबी पर इस्लामी प्रथा के उल्लंघन का आरोप लगा था. यह मामला किसी और ने नहीं बल्कि बुशरा बीबी के पहले पति खावर मनेका ने कराया था. आरोप लगाया गया था कि बीबी ने दो विवाहों के बीच अनिवार्य अंतराल यानी ‘इद्दत’ की इस्लामी प्रथा का उल्लंघन किया है. मनेका ने बीबी और इमरान पर शादी से पहले व्यभिचारी संबंध में होने का भी आरोप लगाया है.


तलाक-ए-अहसनः इसमें शौहर बीवी को तब तलाक दे सकता है जिसे 'इद्दत' कहा जाता है. अगर इद्दत की अवधि खत्म होने के बाद भी तलाक वापस नहीं लिया जाता तो तलाक को स्थायी माना जाता है. बस इसी 'इद्दत' के फेर में इमरान फंस गए और उनका निकाह गैर इस्लामिक घोषित हो गया.


'Pakistan में पहली बार इद्दत पर सजा'


बुशरा बीबी के पहले पति फरीद मेनका का आरोप था कि उन्होंने 14 नवंबर 2017 को अधूरे मन से बुशरा को तलाक दिया था. फरवरी 2018 से पहले उनके मन में सुलह हो गई. हालांकि, बुशरा और इमरान के बीच इद्दत की अवधि के दौरान समय से पहले निकाह हो गया इसलिए उन्हें अलग होना पड़ा. 


क्या है इद्दत?


स्लाम में इद्दत वह टाइम पीरियड होता है जो एक महिला को अपने पति की मृत्यु के बाद या तलाक के बाद मनानी होती है. जिसके दौरान वह किसी अन्य पुरुष से शादी नहीं कर सकती. इस दौरान महिलाएं किसी गैर मर्द को नहीं देख सकतीं और उससे बातचीत तक नहीं कर सकतीं. इसी नियम की वजह से इमरान खान और बुशरा बीबी फंस गए


सोशल मीडिया पर लोगों की राय की बात करें तो कोर्ट के फैसले से इत्तेफाक करते हुए कई लोगों का कहना है कि बुशरा को उनकी आध्यात्मिकता और सूफीवाद के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है. पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि बुशरा से शादी के पहले इमरान उनके पास आध्यात्मिक ज्ञान के लिए जाते थे. ऐसे में उनका बुशरा बीबी से निकाह करना सही नहीं है.