Pakistan News in Hindi: पाकिस्तान में शक्तिशाली सेना के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब खुद की बर्बादी माना जाता है. अब लगता है कि पूर्व पीएम इमरान खान ने वही गलती कर दी है. जिसके बाद पाकिस्तानी सेना का जलजला उनकी पार्टी पर टूट रहा है.
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Mass arrest of PTI leaders in Pakistan: अब तक कहा जाता था कि पाकिस्तान में नेता और सरकार भ्रष्ट होती हैं. लेकिन अब पाकिस्तान में सरकार बन गई है किडनैपर. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अंतरिम चेयरमैन गौहर अली खान हैं. यानी इस वक्त वे इमरान की पार्टी में सबसे ताकतवर नेता हैं. उन्हें पुलिस ने संसद से बाहर आते ही उठा लिया और अब तक उनके परिवार को नहीं पता है कि गौहर अली खान को कहां रखा गया है
PTI के बड़े नेताओं को उठाया गया
गौहर अली खान के साथ ही साथ PTI के दूसरे बड़े नेताओं को इसी तरह उठाया गया या यूं कहें कि किडनैप किया गया. एक के बाद एक इस तरह किडनैपिंग के पीछे वजह है. PTI का वो प्रदर्शन जिसने पाकिस्तानी सरकार और फौज दोनों को डरा दिया है.
9 सितंबर को जब इमरान की पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद पहुंचकर अपनी ताकत का एहसास कराया था. तभी ये साफ हो गया था कि एक बार फिर इमरान और पाकिस्तानी सरकार आमने सामने आने वाली हैं और चौबीस घंटों के अंदर इस टकराव की तस्वीरें सामने आने लगीं.
हाथ मिलाया और फिर जबरन कर लिया अपहरण
गौहर अली खान को संसद के बाहर से उठाया गया तो पीटीआई के एक और वरिष्ठ नेता शोएब शाहीन को उनके दफ्तर से किडनैप किया गया. शोएब शाहीन अपने दफ्तर में काम कर रहे थे. तभी एक एक कर आठ लोग उनके दफ्तर में घुसे. इनमें से कुछ ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मास्क भी पहने हुए थे. पहले इन लोगों ने शोएब शाहीन से हाल चाल पूछते हुए हाथ मिलाया और फिर अचानक शोएब शाहीन को उनकी कुर्सी से उठाकर ले जाने लगे. उसी वक्त शोएब शाहीन के स्टाफ में शामिल लोग भी अंदर आए. उन्होंने सरकारी किडनैपर्स को रोकने की कोशिश की. लेकिन ये लोग शोएब शाहीन को अपने साथ ले गए.
इमरान की पार्टी PTI के एक और सांसद शेर अफजल मरवत को भी पाकिस्तानी संसद के बाहर से उठा लिया गया. जिस वक्त अफजल मरवत को पकड़ा गया. उस वक्त मीडिया भी पहुंच गई थी. जिसको देख मास्क पहने लोग पीछे हो गए और वर्दी वाले पुलिसवाले आगे दिखे. मरवत को भी संसद से ही गाड़ी में बैठाकर अज्ञात जगह ले जाया गया.
पाकिस्तानी फौज से टकराने का खामियाजा
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि ना सिर्फ बड़े नेता बल्कि सैकड़ों कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह अलग अलग शहरों से उठाया गया है. कहीं भी पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही है. इमरान खान ने जेल से ही सरकार और सिस्टम को चुनौती तो दे दी है. लेकिन वो भूल गए कि ये पाकिस्तान है. जहां फौज और आईएसआई की मर्जी के बिना परिंदा भी पर नहीं मारता तो उनके नेता और कार्यकर्ता कैसे बच पाते.
सरकार और फौज प्रायोजित इन अपहरणों में एक नाम अली अमीन का भी है. ये वही अली अमीन है जिन्होंने कल इमरान खान की रिहाई के लिए जेल तोड़ने की धमकी दी थी.
चीफ मिनिस्टर का भी कर लिया अपहरण
रैली में जेल तोड़ने के ऐलान के बाद ही अली अमीन गायब हो गए थे. रैली स्थल से उनकी गाड़ी निकली लेकिन घर नहीं पहुंची. अली अमीन की सिक्योरिटी में तैनात पुलिसवालों के फोन भी ऑफ हो गए थे. तकरीबन 8 घंटे बाद अली अमीन अपनी गाड़ी में बैठकर घर पहुंचे और मीडिया को बताया कि कुछ अनजान लोगों ने उन्हें रोक लिया था. उन्हें चाय पिलाई गई और कुछ बातें पूछी गईं. जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
अली अमीन कोई आम इंसान नहीं बल्कि पाकिस्तान के खैबर पख्तून्ख्वा प्रांत के चीफ मिनिस्टर है. अब सोचिए, अगर किसी प्रांत के चीफ मिनिस्टर को आठ घंटों के लिए गायब किया जा सकता है तो इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं का क्या हाल हो रहा होगा. दूसरे शब्दों में कहें तो अब पाकिस्तान अपनी बर्बादी के रास्ते को और पुख्ता कर चुका है.
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