War in Gaza: तीन अलग-अलग मौकों पर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने युद्धग्रस्त गाजा में युद्धविराम लाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों नाकाम करने के लिए अपनी वीटो शक्ति का उपयोग किया है. यह सिलसिला सोमवार (25 मार्च) को समाप्त हो गया, जब राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन ने लेटेस्ट युद्धविराम प्रस्ताव को वीटो नहीं करने का फैसला किया, इसके बजाय इसे वोट से दूर रहकर पारित होने दिया. सवाल उठ रहा है कि आखिर इजरायल का सबसे बड़ा 'दोस्त' इस बार उसकी मदद के लिए क्यों नहीं आया.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकियों का एक महत्वपूर्ण वर्ग अब गाजा में इजरायल की कार्रवाई और अमेरिका द्वारा इसे पूर्ण समर्थन देने की आलोचना कर रहा है. नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों को देखते हुए यह बेहद अहम हो जाता है.


अमेरिका की अंदरूनी राजनीति
राष्ट्रपति जो बिडेन के लिए, चुनाव में अरब और मुस्लिम मतदाताओं के अलावा डेमोक्रेटिक पार्टी के लेफ्ट वोटर काफी महत्वपूर्ण होंगे. ये मतदाता इजरायल के आलोचक रहे हैं.


मिशिगन और विस्कॉन्सिन जैसे स्विंग राज्यों (जिनमें से बिडेन ने 2020 में चुनाव लड़ा) में महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी है. यह डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनके संभावित दूसरी टक्क्कर में अहम भूमिका निभा सकती है.


 इजरायली मंत्रियों की भड़काऊ बयानबाजी
अमेरिका विशेष रूप से कुछ इजरायली मंत्रियों के बयानों से उन बयानों से परेशान, जो कि गाजा में पुनर्वास योजनाओं को लेकर दिए गए थे. विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, 'यह बयानबाजी भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना है. हमें प्रधानमंत्री सहित इजरायल सरकार ने बार-बार कहा है कि इस तरह के बयान इजरायल सरकार की नीति को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.'


राफा में घुसने की इजरायल की योजना
अमेरिका राफा में घुसने की इज़रायल की योजना से बेहद परेशान है. राफा गाजा में फिलिस्तीनियों का अंतिम आश्रय स्थल है. व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी है कि राफा में किसी भी कार्रवाई से नरसंहार हो सकता है. इस छोटे से क्षेत्र में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं. उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रविवार को चेतावनी दी कि राफा पर जमीनी हमला शुरू करने की इजरायल की योजना के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.


7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के सबसे बड़े हमें 1139 लोग मारे गए जबकि 200 से अधिक घायल हो गए. इसके बाद इजरायल ने फिलिस्तीनी ग्रुप वाले गाजा पर जमीनी और हवाई हमले शुरू कर दिए. तब से, गाजा पर इजरायल के सैन्य हमले में कम से कम 32,623 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 75,092 घायल हुए हैं.