सर्दी से नहीं अलाव जलाकर मर रहे लोग, ये लापरवाही विज्ञान से मजाक है
Bonfire And Fireplace: इन दिनों कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लोग रात में अंगीठी या ब्लोअर जलाकर छोड़ देते हैं. यह बहुत ही ज्यादा खतरनाक स्थिति है क्योंकि इसमें कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं. यह एक तरह की लापरवाही भी है. आइए जानते हैं कि इससे किस तरह बचा जाए.
Science Of Room Heater: सर्दी का मौसम चल रहा है और लोग घरों में अपनी सुविधानुसार अलाव, अंगीठी या ब्लोअर जैसी सुविधाएं यूज कर रहे हैं. लेकिन इसी से संबंधित कई ऐसे मामले सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. महज एक दिन पहले यूपी के अमरोहा में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत इसलिए हो गई क्योंकि रात में उन्होंने अंगीठी को चलता हुआ छोड़ दिया था. दिल्ली के द्वारका में पति-पत्नी की मौत दम घुटने से हो गई और 2 महीने के बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है. कारण यह है कि परिवार घर में अलाव जलाकर सो गया था और बंद कमरे की वजह से जहरीली गैस बन गई और दम घुटने से मौत हो गई. मतलब साफ है कि लोग सर्दियों से तो खुद को बचा ले रहे हैं लेकिन लापरवाही में जान चली जा रही है. इस विज्ञान को समझने और इससे बचने की जरूरत है.
असल में सर्दियों की रात में दम घुटने की घटनाएं ज्यादातर उन इलाकों में होती हैं जहां लोग अंगीठी या ब्लोअर का इस्तेमाल करके ठंड से बचते हैं. इसका उपयोग करना बुरा नहीं है, लेकिन इनका उपयोग कैसे करना है यह जानना जरूरी है. सोने से पहले इनको बंद कर देना भी जरूरी है. पहले तो ये जान लें कि सर्दियों में अलाव, अंगीठी या ब्लोअर के चलते लोगों का दम घुटने के कुछ कारण हैं.
कार्बन मोनोऑक्साइड का निर्माण:
अंगीठी या ब्लोअर के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है. कार्बन मोनोऑक्साइड एक जहरीली गैस है जो ऑक्सीजन के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन के स्थान पर बैठ जाती है. इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और दम घुटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
ऑक्सीजन की कमी:
सर्दियों में लोग अक्सर घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद करके अंगीठी या ब्लोअर जलाते हैं. इससे घर के अंदर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. इससे भी दम घुटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये दो बड़े मुख्य कारण हैं. इसके अलावा, कुछ अन्य कारक भी हैं जो सर्दियों में अंगीठी या ब्लोअर के चलते दम घुटने का खतरा बढ़ा सकते हैं.
हवा का कम होना:
यह भी कमोबेश ऊपर के दो बिंदुओं से ही संबंधित है. सर्दियों में लोग अक्सर अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखते हैं ताकि ठंडी हवा न आ सके. इससे घर के अंदर हवा का संचार कम हो जाता है. यदि आप अंगीठी या ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं और घर के अंदर हवा का संचार कम होता है, तो कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों का स्तर बढ़ सकता है. इससे भी दम घुटने की स्थिति पैदा हो सकती है.
इसके अलावा कम उम्र: छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग कार्बन मोनोऑक्साइड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
स्वास्थ्य समस्याएं: हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी और श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग कार्बन मोनोऑक्साइड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
सर्दियों में अंगीठी या ब्लोअर का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- अंगीठी या ब्लोअर को हमेशा अच्छी तरह से हवादार जगह पर रखें.
- अंगीठी या ब्लोअर को हमेशा पूरी तरह से जलने दें.
- अंगीठी या ब्लोअर को कभी भी बंद कमरे में न जलाएं.
- अंगीठी या ब्लोअर के पास सोने से बचें.
- सोने से पहले इन्हें जरूर बंद कर दें.
- घरों में सोते समय ठंड से बचने के लिए सिर्फ ऐसे उपाय करें जिनमें कपड़े, रजाई और गद्दे शामिल हैं.
कमरे में वेंटिलेशन रखें: अंगीठी या ब्लोअर का इस्तेमाल करते समय कमरे में खिड़की या दरवाजा खुला रखें ताकि हवा अंदर-बाहर जा सके.
अंगीठी या ब्लोअर को बंद कमरे में न जलाएं: अंगीठी या ब्लोअर को बंद कमरे में जलाना बहुत खतरनाक है. इससे कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और जहरीली गैसें जमा हो सकती हैं.
अंगीठी या ब्लोअर को नियमित रूप से साफ करें: अंगीठी या ब्लोअर को नियमित रूप से साफ करें ताकि धुआं कम निकले.
बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें: बच्चों और बुजुर्गों को अंगीठी या ब्लोअर से होने वाले धुएं से बचाएं.