Loksabha Election 2024: इंडिया गठबंधन की शनिवार को हुई वर्चुअल बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से इनकार करते हुए कहा, 'विपक्षी एकता बनी रहे ये जरूरी.' हालांकि, विपक्षी दलों के गठबंधन के लिए उनका संदेश कारगर होता नहीं दिखता. बैठक में ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे जैसे अहम विपक्षी नेता नहीं दिखे. अखिलेश ने तो समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से किसी भी परिस्थिति से तैयार रहने के लिए कह दिया है.


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तीन से ज्यादा सहयोगी दलों के नेताओं की गैरमौजूदगी में खड़गे को बनाया चेयरमैन


इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक खत्म बैठक पूरी होने के बाद बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता संजय झा का बड़ा बयान आया कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ही चेयरमैन बने. इसके बाद वर्चुअल बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया गठबंधन के चेयरमैन बनाने के प्रस्ताव पर सभी दलों ने सहमति जताई. जबकि, टीएमसी, एसपी और शिवसेना उद्धव के प्रमुख नदारद थे.


टल गई थी नीतीश को संयोजक बनाने के लिए 3 जनवरी को होने वाली वर्चुअल बैठक


इसके पहले इंडिया गठबंधन की तीन जनवरी को होने वाली वर्चु्अल बैठक टल गई थी. माना जा रहा था कि उस बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का ऐलान किया जा सकता था. उससे दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में पीएम पद के चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सामने आने के बाद नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे थे. इसके बाद ही उन्होंने जेडीयू का अध्यक्ष पद दोबारा खुद संभाल लिया. वह अपनी पार्टी में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन, सीट बंटवारा और टिकट वगैरह से जुड़े फैसले के लिए अधिकृत हो गए.


बंगाल में ममता और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे- शरद पवार के बाद यूपी में अखिलेश खफा


बिहार में नीतीश कुमार की तरह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भी लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर सहमत होती नहीं दिख रही. दोनों को कांग्रेस की मांग ज्यादा लग रही है. महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर के विधायकों की अयोग्यता के फैसले के बावजूद शिवसेना-उद्धव ठाकरे और एनसीपी नरम पड़ती नहीं दिख रही. अब इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक में समाजवादी पार्टी की तरफ से भी कोई शामिल नहीं हुआ. इसके बाद कहा जाने लगा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.


कांग्रेस-सपा में सीट शेयरिंग की बैठक आखिरी वक्त में रद्द, दोनों दलों के बीच कहासुनी


लखनऊ में सपा ऑफिस में प्रवक्ताओं की बैठक में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमने गठबंधन में हमेशा सबका सम्मान किया, लेकिन हमें किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. हमारा संगठन यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर मजबूत है और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई बड़ी है. इससे पहले कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर शुक्रवार को तय बैठक भी आखिरी वक्त में रद्द कर दी गई थी. इसको लेकर समाजवादी पार्टी ने कहा था कि कांग्रेस की तैयारी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उनके नेता दिल्ली में नहीं रहेंगे.


मायावती को गठबंधन में लाने की कवायद से नाखुशी या कमलनाथ को जवाब की तैयारी


इंडिया गठबंधन में बीएसपी प्रमुख मायावती को शामिल करने की कवायद से नाखुश बताए जा रहे अखिलेश यादव सीट शेयरिंग के मामले में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कमलनाथ के व्यवहार का जवाब देने के मूड में दिखते हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए ज्यादा सीटें छोड़ने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वह कांग्रेस की 30 से ज्यादा सीटों की मांग से असहज दिख रहे हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस महज एक रायबरेली सीट पर जीत हासिल कर पाई थी. वहीं, बीएसपी के गठबंधन में आने पर बंटवारे में अखिलेश की सीटें और घट सकती हैं.


कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की दूसरी बैठक भी रही बेनतीजा


पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ स्थानीय कांग्रेस नेताओं की जुबानी जंग के बीच आम आदमी पार्टी के साथ भी दो दौर की बैठकों के बावजूद सीट बंटवारा तय नहीं हो पाया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राघव चड्ढा ने शनिवार को बैठक की. इसके बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने की नसीहत दे डाली है. कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के साथ शुक्रवार को हुई आप नेताओं की बैठक को नतीजा नहीं निकला. 


दिल्ली-पंजाब के अलावा भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच फंस रहा पेंच


वहीं, कांग्रेस-आप के शीर्ष नेतृत्व की शनिवार को हुई बैठक में भी लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कुछ तय नहीं हो पाया. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन में पेंच फंस रहा है. कांग्रेस दिल्ली की सात में से चार लोकसभा सीटों पर लड़ना चाहती है. आप नेतृत्व कांग्रेस के लिए इतनी सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है. पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल कांग्रेस की मांग के मुताबिक सात सीटें छोड़ने को तैयार नहीं हैं. दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान आम आदमी पार्टी के लिए गोवा, गुजरात और हरियाणा में मांग के मुताबिक सीटें देने को लेकर हिचकिचा रही है.