Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जंग का आगाज हो चुका है. हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने इजरायल पर बहुत बड़ा हमला बोला है. करीब 200 बैलेस्टिक-हाइपरसोनिक मिसाइलों की ऐसी बारिश ईरान ने की जो इजरायल को दिल तक चोट दे गई. तभी तो इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने बदला लेने की कसम खाते हुए कह दिया कि ईरान को इसकी कीमत चुकानी होगी. समय और जगह हम चुनेंगे.  ईरानी हमले के बाद इजरायल ने भी बदला लेने की जो कमस खाई है. तो चलिए जानते हैं आखिर इजरायल का अगला टारगेट क्या हो सकता है. 


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इससे पहले जानें नेतन्याहू ने ईरान को क्या दी धमकी?
ईरान के हमले के बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को गुस्सा आ गया. उन्होंने ईरान को अंजाम भुगतने की धमकी दी. बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरानी हमले के बाद इजरायलियों से कहा है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इस हमले की कीमत चुकानी होगी. नेतन्याहू ने कहा, ‘आज रात ईरान ने फिर से सैकड़ों मिसाइल के जरिए इजरायल पर हमला किया है. यह हमला नाकाम रहा. इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम के कारण इस हमले को नाकाम कर दिया गया, जो दुनिया में सबसे एडवांस्ड है. ईरान ने आज रात एक बहुत बड़ी गलती कर दी है और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. जो हम पर हमला करेगा, हम भी उस पर हमला करेंगे.’ 


अब जानें इजरायल का क्या है अगला टारगेट?
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की मंगलवार की रिपोर्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के मिसाइल हमले के बाद इजरायल ईरान की न्यूक्लियर साइट को निशाना बना सकता है. उसके ऑइल फैसिलिटी को टारगेट कर सकता है. सोचिए अगर हकीकत में परमाणु संयंत्र पर हमला हो तो कितना बड़ा नुकसान होगा. अगर परमाणु हमला होता है तो कितनी तबाही होगी.


परमाणु संयंत्रों पर हमला हुआ तो बर्बाद हो जाएगा ईरान
अब अगर इजराइल और ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले होते हैं तो होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एटम प्रोजेक्ट में परमाणु पॉलिसी पर रिसर्च कर रहीं मारियाना बजरिन की बात जान लेनी चाहिए. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के जापोरिजिया स्थित परमाणु संयंत्र पर हमले की योजना बनाई थी. तब बीबीसी से बातचीत में मारियाना बजरिन ने कहा था कि ऐसे किसी भी संयंत्र पर किसी भी तरह का सैन्य हमला परमाणु त्रासदी को निमंत्रण देगा.


ईरान के पास 10 हजार किलो से ज्यादा यूरेनियम
मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2002 में ईरान के विद्रोही गुट नेशनल काउंसिल ऑफ रेजिस्टेंस ने खुलासा किया था कि नतांज और अराक में दो न्यूक्लियर संयंत्र चल रहे हैं, जिनसे बम बनाए जा सकते हैं. फरवरी 2003 में ईरान ने इसकी आधिकारिक पुष्टि भी कर दी. बताया जाता है कि 2013 तक ईरान ने 10 हजार किलो से ज्यादा यूरेनियम इकट्ठा कर लिया था. फिर 2018 में इजराइल ने पूरी दुनिया के सामने सबूत रखा कि ईरान अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम को लगातार आगे बढ़ा रहा है.


इजरायल की पहुंच ईरान के हर इलाके में
इजरायल जो कहता है वह करके दिखाता भी है, इसकी ताजा बानगी लेबनान में दुनिया देख चुकी है, किसी ने कल्पना नहीं कि होगी कि पेजर जैसा धमाका इजरायल कर सकता है. जिससे पूरी दुनिया अवाक रह गई. इसके पहले इजरायल ने इस्फहान शहर पर हमला किया हुआ है. वह ईरान के मध्यवर्ती इलाके में है, जहां चीन का बनाया हुआ एक बड़ा परमाणु रिएक्टर है. ऐसे ही ईरान के बुशहर में रूस की मदद से तैयार किया गया न्यूक्लियर पावर प्लांट भी है.


रेडिएशन से बर्बाद हो जाएगा जीवन?
वैसे तो परमाणु संयंत्र से निकलने वाला रेडिएशन परमाणु हमले के दौरान होने वाले रेडिएशन जितना गंभीर नहीं होता है पर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसका असर लंबे वक्त तक रहता है. इंसान, जमीन, पानी और खाने के सामान तक पर इसका बुरा असर पड़ता है. यह असर कितना खतरनाक होगा, इसका ठीक-ठीक अंदाजा कोई नहीं लगा सकता है. 


परमाणु संयंत्र पर ही क्यों हमला?
मिरर डॉट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की परमाणु साइट पर हमले को ईरान अस्तित्व पर खतरे की तरह देखेगा. ईरान का परमाणु हथियार हासिल करने का सपना काफी पुराना है. ऐसे में ईरान के परमाणु संयंत्र पर हमला करके इजरायल एक तो करारा जवाब दे सकेगा दूसरा ईरान का सपना अधूरा रह जाएगा, जो सालों से पाल बैठा है. होगा क्या,अब दुनिया इस बात का इंतजार कर रही है.