IMD cold wave alert: उत्तर भारत में सर्दी का सितम इस बार कुछ जल्दी शुरू हो गया है. आमतौर पर ठंड की शुरुआत दिसंबर के मध्य से होती है, लेकिन इस बार कई राज्यों में दिसंबर की शुरुआत में ही ठंडी हवाओं और सर्द रातों ने दस्तक दे दी. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया. चंडीगढ़ में तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जबकि दिल्ली ने सीजन की सबसे ठंडी सुबह 4.5 डिग्री पर महसूस की. हालांकि मौसम विज्ञान विभाग ने 15 दिसंबर तक कई इलाकों में ठंड और भी बढ़ने की संभावना जताई है.


सर्दी क्यों हो रही है इतनी जल्दी?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असल में IMD के मुताबिक इस बार ठंड के जल्दी शुरू होने के पीछे कई कारण हैं. दिसंबर की शुरुआत में पश्चिमी विक्षोभ ने हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र और उसके आसपास के मैदानों को प्रभावित किया. यह विक्षोभ 8-9 दिसंबर के बीच सक्रिय रहा, जिससे हिमालय में भारी बर्फबारी हुई और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं पहुंचीं. इसके अलावा, उत्तर भारत में पिछले दो महीनों से बारिश की कमी ने भी ठंड को बढ़ावा दिया है. पंजाब में केवल 18% और हरियाणा में मात्र 4% सामान्य बारिश हुई, जिससे जमीन की नमी कम हो गई और रात के समय तापमान तेजी से गिरने लगा.


क्यों रातें हैं ज्यादा ठंडी और दिन गर्म?


इस बार ठंड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रातें बेहद ठंडी हो रही हैं जबकि दिन अपेक्षाकृत गर्म महसूस हो रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक IMD के विशेषज्ञों ने बताया कि साफ आसमान और शुष्क मौसम के कारण रात के समय गर्मी तेजी से खत्म हो जाती है, जिससे न्यूनतम तापमान गिर जाता है. वहीं, दिन के समय धूप में कोई रुकावट नहीं होने के कारण तापमान सामान्य बना रहता है. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कोहरे की कमी भी दिन को गर्म बनाए रख रही है.


पहाड़ों में बर्फबारी का भी तो असर है.. 


हिमालय में हुई समय से पहले बर्फबारी ने भी मैदानों में ठंड को और तेज कर दिया है. बर्फबारी के बाद ठंडी हवाएं नीचे की ओर बहती हैं, जिससे मैदानी इलाकों में तापमान गिरता है. इस बार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भारी बर्फबारी हुई, जिसने उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों को प्रभावित किया.


जलवायु परिवर्तन का भी दिख रहा है असर


मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की असामान्य ठंड जलवायु परिवर्तन का संकेत हो सकती है. पश्चिमी विक्षोभ के समय और उसकी तीव्रता में बदलाव, बारिश की कमी और तापमान के पैटर्न में बदलाव आने वाले समय में और अधिक अनिश्चित मौसम का संकेत देते हैं. यह मौसम न केवल इंसानों बल्कि फसलों और पर्यावरण पर भी गहरा असर डाल सकता है.


आगे क्या है IMD का पूर्वानुमान?


मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में ठंड का यह दौर 15 दिसंबर तक जारी रह सकता है. इस दौरान रात के तापमान सामान्य से नीचे ही रहेंगे. विभाग ने severe cold wave के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. खासकर बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित लोगों के लिए यह मौसम गंभीर हो सकता है. ठंडी हवाओं और साफ आसमान के कारण आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है. Photo: AI