World News in Hindi: पिछले कई दिनों से फलस्‍तीन में वेस्‍ट बैंक के जेनिन रिफ्यूजी कैंप में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज रही है. लेकिन ये कोई इजरायली हमला नहीं है बल्कि ये फलस्‍तीन अथॉरिटी की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. राष्‍ट्रपति महमूद अब्‍बास के नेतृत्‍व वाली फलस्‍तीन अथॉरिटी का वेस्‍ट बैंक पर नियंत्रण है. उनके सशस्‍त्र बल इस रिफ्यूजी कैंप में मौजूद हमास समर्थक, अलगाववादियों या आतंकियों को निशाना बना रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में ही अब्‍बास की सेना ने जेनिन रिफ्यूजी कैंप को निशाना बनाना शुरू किया था और वहां मौजूद आतंकियों का सफाया किया जा रहा है. अथॉरिटी का कहना है कि खूनखराबे के दौर को खत्‍म करने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की बहाली के मकसद को हासिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.    


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उत्‍तरी वेस्‍ट बैंक में स्थित इस शरणार्थी कैंप की स्‍थापना 1948 के आसपास उस दौर में की गई थी जब इजरायल का गठन हुआ. उस संघर्ष के दौरान विस्‍थापित हुए फलस्‍तीनी परिवारों को इस शरणार्थी कैंप में बसाया गया था. तब से ये इजरायल के खिलाफ लड़ने वाले फलस्‍तीनी सशस्‍त्र समूहों का एक प्रमुख केंद्र रहा है. अथॉरिटी ऐसे ही चरमपंथी समूहों को खत्‍म करना चाहती है.    


फलस्‍तीन अथॉरिटी Vs हमास
ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्‍योंकि फलस्‍तीन अथॉरिटी, इजरायल-हमास युद्ध खत्‍म होने के बाद गाजा पर अपना नियंत्रण चाहती है. उसको हासिल करने के लिए ये जरूरी है कि वह खुद हमास समर्थक नहीं दिखे और उसका ट्रैक रिकॉर्ड शांति और सुरक्षा स्‍थापित करने वाला दिखे. फलस्‍तीन अथॉरिटी के नेता यासर अराफात के दौर में गाजा और वेस्‍ट बैंक दोनों पर ही उनका नियंत्रण था लेकिन खूनी संघर्ष के बाद 2007 में हमास ने गाजा पर कब्‍जा कर लिया. फलस्‍तीन अथॉरिटी का शासन वहां से खत्‍म हो गया. अब अथॉरिटी को लग रहा है कि जब इजरायल, हमास को पूरी तरह मिटा देगा तो स्‍वाभाविक रूप से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर डील होने की स्थिति में गाजा का कंट्रोल उसको ही दिया जाएगा. इसलिए 20 जनवरी को जब डोनाल्‍ड ट्रंप अमेरिका की सत्‍ता संभालेंगे उससे पहले हमास के विकल्‍प के रूप में फलस्‍तीन अथॉरिटी अपने आप को तैयार कर रही है क्‍योंकि उसको लगता है कि ट्रंप के आने के बाद इस युद्ध का खात्‍मा होगा और शांति बहाली स्‍थापित होगी. ऐसे में फलस्‍तीनी लोगों के क्षेत्र गाजा का कंट्रोल स्‍वाभाविक रूप से उसको दिया जा सकता है. इसके लिए वो प्रयासरत भी है.


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लेकिन ये बात इतनी आसान भी नहीं है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि फिलहाल इजरायल, गाजा पर अब अपना नियंत्रण छोड़ने के मूड में नहीं है. दूसरा फलस्‍तीनी समाज के एक हिस्‍से में फलस्‍तीनी अथॉरिटी को कहीं न कहीं इजरायल के साथ संबद्ध देखा जाता है. उनको लगता है कि फलस्‍तीन अथॉरिटी के नेतृत्‍व में उस फलस्‍तीन के सपने को साकार नहीं किया जा सकता जिसको वो लोग अपना हक मानते हैं. इस कारण ही 1987 में अहमद यासीन के नेतृत्‍व में कट्टरपंथी हमास का उदय हुआ. यासर अराफात की मौत के बाद गाजा पर कब्‍जे के लिए हुए संघर्ष में हमास ने फलस्‍तीन अथॉरिटी को क्षेत्र से निकाल फेंका. अब हमास के खात्‍मे के बाद फलस्‍तीन अथॉरिटी गाजा पर नियंत्रण का प्‍लान बना रही है. 


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बाइडेन प्रशासन भी इसका पक्षधर रहा है कि युद्ध के बाद गाजा पर शासन का नियंत्रण फलस्‍तीन अथॉरिटी को दे दिया जाए. अमेरिका ने फलस्‍तीन सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देने के लिए हाल के वर्षों में भारी निवेश भी किया है. हालांकि इजरायल इस प्रस्‍ताव का समर्थक नहीं है. उसका मानना है कि फलस्‍तीन अथॉरिटी, हमास को नियंत्रित करने के मामले में कमजोर साबित होगी. इजरायल गाजा का सिक्‍योरिटी कंट्रोल अपने हाथ में रखना चाहता है. ऐसे में अब काफी हद तक रुख ट्रंप प्रशासन पर निर्भर करेगा.