Tauqeer Raza Khan Bareilly: हल्द्वानी से शुरू हुई हिंसा (Haldwani Riots) की चिंगारी बरेली (Bareilly) तक पहुंच गई है. हालांकि पुलिस ने दोनों ही शहरों में वक्त रहते हालात को काबू कर लिया. लेकिन नफरत फैलाने वालों ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के चीफ तौकीर रजा (Tauqir Raja) ने भड़काऊ बयान दिए और लोगों को उकसाया. जिसके बाद भीड़ बरेली में जुमे की नमाज पढ़कर सड़क पर निकली और उग्र प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं भीड़ में शामिल लोगों ने 4 लोगों को जमकर पीटा. उनकी बाइक और स्कूटर तोड़ दिया. पीड़ितों की पहचान कपिल शर्मा और उसके दोस्त समीर सागर के तौर पर हुई है. अब सवाल है कि अगर तौकीर रजा सरकार के किसी एक्शन और नीति से खुश नहीं हैं तो वह शांति से विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं करते हैं. लेकिन तौकीर रजा को लोगों को उकसाने, उनके समर्थकों को आम लोगों को पीटने और शहर में तोड़फोड़ करने का हक किसने दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बरेली में बवाल का जिम्मेदार कौन?


बता दें कि शुक्रवार को तौकीर रजा ने हल्द्वानी हिंसा और उत्तराखंड में लागू हुए यूसीसी के विरोध में जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी. बड़ी संख्या में तौकीर रजा के समर्थक बरेली में इकट्ठा हुए थे. मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद तौकीर रजा अपने समर्थकों के साथ निकले और गिरफ्तारी देने के लिए पुलिस से भिड़ गए. इस दौरान तौकीर रजा के समर्थकों ने बवाल किया. हालांकि, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तौकीर रजा को गिरफ्तार नहीं किया और उन्हें घर लौटा दिया. पर भीड़ के रूप में मौजूद तौकीर रजा के समर्थक नहीं माने और उन्होंने अपनी कारिस्तानी दिखा दी.


हल्द्वानी हिंसा के विरोध में आम लोगों को क्यों पीटा?


तौकीर रजा के समर्थकों ने श्यामतगंज में 4 लोगों को पीट दिया. उनका बाइक और स्कूटर तोड़ डाला. पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़ितों ने बताया कि उनके साथ मारपीट की गई. भीड़ में शामिल दंगाइयों ने गाली-गलौज भी की. फिलहाल पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद बलवा करने वाले 50-60 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है. बारादरी  पुलिस स्टेशन में बलवा करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 324, 504 और 427 के तहत केस दर्ज किया है.


सरकार का गुस्सा आम लोगों पर क्यों निकाला?


सवाल है कि तौकीर रजा के समर्थकों को प्रदर्शन के वक्त रास्ते से गुजर रहे कपिल और समीर को पीटकर क्या मिल गया. क्या इससे हल्द्वानी में शांति स्थापित हो गई. क्या इससे उत्तराखंड में लागू हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड हट गया. आखिर बरेली में बलवा करने वाले क्या साबित करना चाहते हैं. वो किसको डराना चाहते हैं. क्या उन्हें कानून का कोई डर नहीं है. अपनी नाराजगी उन्होंने आम लोगों पर क्यों निकाली. उनका स्कूटर क्यों तोड़ दिया.


भड़काने में क्यों जुटे तौकीर रजा?


बरेली में जो कुछ हुआ उसके बहुत हद तक जिम्मेदार तौकीर रजा ही हैं. क्योंकि तौकीर रजा की अपील पर ही भीड़ सड़क पर प्रदर्शन करने आई थी. तौकीर रजा ही वो शख्स हैं जिन्होंने भड़काऊ बयान देकर भीड़ को उग्र किया. बरेली में बवाल से पहले तौकीर रजा बुलडोजर की कार्रवाई से लेकर कोर्ट के रवैये तक पर बोले थे. उन्होंने कई विवादित टिप्पणी की थी.


पूरे देश में आंदोलन की धमकी


तौकीर रजा ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. तौकीर रजा ने कहा था कि बुलडोजर तुम हमारे घर पर चला दोगे तो हम अपनी हिफाजत खुद करेंगे. अगर हमारे ऊपर कोई हमला करेगा तो हम उसे जान से मार देंगे. अब किसी बुलडोजर को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तौकीर रजा ने ये भी धमकी दी कि बरेली से शुरू हुआ आंदोलन पूरे देश में ले जाएंगे.


विवादों से पुराना है तौकीर रजा का नाता


गौरतलब है कि विवादित बयान देने के तौकीर रजा पुराने खिलाड़ी हैं. इससे पहले भी कई बार तौकीर रजा उकसाने वाले स्टेटमेंट दे चुके हैं. शायद इसीलिए उनका नाम बड़ी संख्या में लोग जानते हैं. 2017 में तौकीर रजा ने महाभारत की द्रौपदी का उदाहरण देते हुए हिंदुओं पर विवादित टिप्पणी की थी. इसके अलावा, 2022 में तौकीर रजा ने धमकाते हुए कहा था कि हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूं कि मुझको डर है कि जिस दिन मुस्लिम युवा को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर किया गया, तब आपको भारत में कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.


आपसी सौहार्द के लिए कितना बड़ा खतरा हैं तौकीर?


सवाल है कि तौकीर रजा जैसे विवादित बयान देने वाले लोग आपसी सौहार्द के लिए कितना बड़ा खतरा हैं. उनके बयान समुदायों के बीच भाईचारे के लिए कैसे रोड़ा हैं. अगर उनके बयानों पर रोक नहीं लगी तो ज्यादा से ज्यादा लोग भड़क सकते हैं. क्या वह देश में शांति के लिए खतरा नहीं बनेंगे. हालांकि, ये तो सरकार की जिम्मेदारी है कि वह तौकीर रजा जैसे भड़काने वाले लोगों से कैसे निपटेगी और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी.