Mumbai boat accident: मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास नाव हादसे के बाद एलीफेंटा आईलैंड की खूब चर्चा हो रही है. गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग एक घंटे की दूरी पर एलिफेंटा की गुफाएं हैं. वहीं बोट जा रही थी. लेकिन रास्ते में हुए हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद एलीफेंटा आईलैंड और भी सुर्खियों में आ गया. तो सबसे पहले जानें क्या है एलीफेंटा आईलैंड?


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क्या है एलीफेंटा आईलैंड?
वैसे तो भारत में ऐसी कई एतिहासिक जगहें हैं, जो बेहद ही शानदार हैं और घूमने लायक हैं. ऐसी ही एक जगह है एलिफेंटा, जहां की गुफाएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र हैं. मुंबई से लगभग 10 किलोमीटर दूर बंदरगाह के पूर्वी किनारे पर स्थित घारापुरी द्वीप, जिसे 'गुफाओं का शहर' कहा जाता है.


कैसे पड़ा एलीफेंटा आईलैंड का नाम?
एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहां पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया था. यहां अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियां दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित हैं. यहां आने के बाद एक अलग ही दुनिया में आने जैसा अहसास होता है.


यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं एलीफेंटा आईलैंड
मुंबई हार्बर में गेटवे ऑफ इंडिया के उत्तर-पूर्व में, घारापुरी पर चट्टानों को काटकर बनाए गए मंदिर, जिन्हें एलीफेंटा द्वीप के नाम से जाना जाता है. पहाड़ी की चोटी पर स्थित एलिफेंटा की गुफाओं को साल 1980 के दशक की शुरुआत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था. छुट्टियों पर घूमने, ट्रेकिंग करने और पिकनिक मनाने के लिए ये जगह बिल्कुल सही है. इसके बनाए जाने की डेट को लेकर हमेशा से संशय रहा है लेकिन माना जा रहा कि यह 450 और 750 ई. के बीच निर्मित हुआ., गुफा मंदिरों की भूलभुलैया भारत की कुछ सबसे प्रभावशाली मंदिर नक्काशी का प्रतिनिधित्व भी करती है.


एलिफेंटा में कुल सात गुफाएं
एलिफेंटा में कुल सात गुफाएं हैं. माना जाता है कि लगभग आठवीं शताब्दी के आसपास इन गुफाओं की खोज राष्ट्रकूट राजाओं द्वारा की गई थी. यहां मौजूद मुख्य गुफा में कुल 26 स्तंभ हैं, जिसमें भगवान शिव को कई रूपों में उकेरा गया है . इनमें उनकी त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षक है, जिसमें उनके तीन रूपों का चित्रण किया गया है.


एलिफेंटा द्वीप पर दो मुख्य पहाड़ियां हैं
एलिफेंटा द्वीप पर दो मुख्य पहाड़ियां हैं, जिनके नाम गन हिल और स्तूप हिल हैं. गन हिल का नाम यहां रखी ब्रिटिश-युग की दो तोपों के आधार पर रखा गया है, जबकि स्तूप हिल का नाम उन बौद्ध स्तूप के अवशेषों के आधार पर रखा गया है जो यहां खुदाई के दौरान मिले थे.


एलिफेंटा आईलैंड पर जाने के लिए नाव से जाना होता है
एलिफेंटा की गुफा तक जाने के लिए बोट चलती हैं. हालांकि ये बोट सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर के 12 बजे के बीच ही चलती हैं. नवंबर से मार्च के बीच यहां घूमना अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय के दौरान मौसम यात्रा के लिए बिल्कुल अनुकूल रहता है। आपको एक बार तो यहां जरूर जाना चाहिए.


कैसे पहुंचें एलिफेंटा आईलैंड
मुंबई में गेटवे ऑफ़ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप के लिए फ़ेरी चलती हैं. मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वहां जाने के लिए आधिकारिक तौर पर यह पास के काउंटर पर बेचा जाता है. आमतौर पर हर 30 मिनट में एक नाव एलीफेंटा के लिए रवाना होती है.


एलिफेंटा आईलैंड जाते समय हुआ हादसा, पीएम मोदी, सीएम ने दिया फंड
मुंबई में गेट ऑफ इंडिया के पास बुधवार को दर्दनाक हादसा हुआ. यात्रियों से भरी नीलकमल नाव की नेवी की स्पीट बोट से टक्कर हो गई. नाव एलीफेंटा की ओर जा रही थी. इस हादसे में अभी तक 13 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. 101 लोगों को बचाया गया है. नेवी का समुद्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. कितनी यात्री अभी लापता हैं, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हादसे की जांच राज्य पुलिस और नेवी करेगी.हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकार 5 लाख रुपये की मदद देगी. उधर प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई नाव दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.