Mamata Banerjee : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की चौथी बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिए साझे उम्मीदवार के तौर पर दलित चेहरे के प्रस्ताव से ममता बनर्जी मंगलवार को सुर्खियों में छाई रहीं. विपक्षी दलों ने इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को किनारे करने का बहाना बताया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बाहर आने के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वाले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी से जुड़े सवाल पर उन्होंने अचानक राहुल गांधी को घेर लिया. टीएमसी प्रमुख ने इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. हमारी पार्टी के सांसद इस पर बयान देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो लोगों को इस मामले का पता ही नहीं चलता. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि आखिर ममता बनर्जी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से क्यों नाराज हैं.


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भाजपा ने किया विपक्षी गठबंधन पर हमला, गिरिराज बोले- राहुल गांधी को पीएम पद की रेस से बाहर करने का दांव


इंडी अलायंस की दिल्ली में चौथी बैठक में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी गठबंधन की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव रखा. इसके बाद नई बहस छिड़ गई और भाजपा को विपक्ष पर हमले का मौका मिल गया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के नाम के प्रस्ताव के पीछे राहुल गांधी को पीएम पद की रेस से बाहर करने का दांव खेला जा रहा है. इस प्रस्ताव के बाद विपक्षी गठबंधन के दो प्रमुख दल जेडीयू और राजद के नेता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही उठकर चले गए. एमडीएमके के नेता वाइको सहित कई नेताओं ने विपक्षी गठबंधन की बैठक के बाद घटनाक्रम की पुष्टि की. वहीं, कई नेताओं ने कहा कि ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पद के लिए दलित उम्मीदवार की बात कही थी. उन्होंने खरगे का नाम नहीं लिया था. हालांकि, बाद में ममता बनर्जी ने खुद स्पष्ट किया कि उन्होंने पीएम पद के चेहरे के लिए प्रस्ताव के तौर पर मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लिया था. इसके साथ ही राजनीतिक जानकारों ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की तुलना करनी शुरू कर दी थी.


ममता बनर्जी के प्रस्ताव ने इंडी अलायंस में दूसरे क्षेत्रीय दलों की भावनाओं को भी दी हवा, कई नेता नाराज होकर निकले


इंडी अलायंस में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के अलावा नीतीश कुमार, लालू यादव और दूसरे विपक्षी नेता भले एक साथ दिख रहे हों, लेकिन पीएम उम्मीदवार पर अभी आम सहमति नहीं बना पाए. विपक्षी गठबंधन में जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि इन सब दलों का कांग्रेस से छत्तीस का आंकड़ा है. राहुल के नाम के आगे जुड़ा 'गांधी' उपनाम विपक्ष के सभी नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है. ममता दीदी के छेड़ने के बाद दूसरे विपक्षी दलों में भी चर्चा शुरू हो गई कि नरेंद्र मोदी खुद अपनी छवि गरीबों के मसीहा की तरह बनाकर पेश कर रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी से देश का मिडिल क्लास भी खुद को कनेक्ट नहीं कर पा रहा है. अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव जैसे युवा नेता भी राहुल गांधी को लेकर कंफ्यूज हैं. अखिलेश के सामने तो 'यूपी को ये साथ पसंद है' और 'यूपी के लड़के' जैसे नारों का उदाहरण भी मौजूद है. क्षेत्रीय दलों को अपने बुरे चुनावी अनुभव के बावजूद यह पता है कि उनमें से ज्यादातर का जन्म गैर-कांग्रेसवाद से हुआ था. राज्यों में वह कांग्रेस के साथ गठबंधन में बड़े भाई का ट्रीटमेंट पाती रही है. इसलिए केंद्र में जीत सकने की सूरत में भी अनुभव बहुत अच्छा होने की उम्मीद नहीं है. ममता दीदी के प्रस्ताव ने एक झटके में गठबंधन के सहयोगी दलों की इन भावनाओं को हवा दे दी.


राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो लोगों को पता ही नहीं चलता, उपराष्ट्रपति की मिमिक्री पर बोलीं ममता


इसके अलावा ममता बनर्जी ने इंडी गठबंधन के बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भले नहीं बोला हो, मगर  दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के आचरण पर सवाल को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि आप लोग ऐसे क्यों बोल रहे हैं. राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो आप लोगों को पता ही नहीं चलता. हमारी पार्टी के सांसद इस पर बाद में बयान देंगे. पीएमओ में जाने से कल्याण बनर्जी को रोके जाने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने समय नहीं लिया था और उनका नाम डेलिगेशन में भी नहीं था. इसलिए उन्हें रोका गया. इस बात का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री से कोई वास्ता नहीं है. दूसरी ओर, संसद परिसर में उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाने पर सियासत बेहद गर्म हो गई है. एक दिन पहले सस्पेंड किए गए ज्यादातर सांसद विरोध जताने के लिए संसद की सीढ़ियों पर थे. मंगलवार को इनके बीच खड़े कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति की नकल उतार रहे थे. राहुल गांधी इस पूरे प्रकरण का वीडियो बना रहे थे. कांग्रेस की ओर से इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया और विवाद बढ़ने पर हटा लिया गया. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ इस पूरे वाकए से बेहद आहत दिखे. बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उनका दर्द छलक पड़ा. उन्होंने भावुक होकर कहा, 'मेरी जाति और किसान का अपमान किया गया. यह बहुत ही अशोभनीय है कि एक सांसद मिमिक्री कर रहा है और दूसरा वीडियो बना रहा हो. वीडियो बनाकर बांटा गया. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की चुप्पी गूंज रही है. मैं अपमान का घूंट पी रहा हूं. मैं हवन में खुद की आहूति दे दूंगा.' 


राहुल गांधी के फोन के बाद इंडी अलायंस बैठक में आने के बावजूद ममता बनर्जी ने दिखाए कड़े तेवर


इससे पहले 6 दिसंबर को प्रस्तावित इंडी अलायंस की बैठक को ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन वगैरह नेताओं के नहीं आने की चर्चा की वजह से ही रद्द किया गया था. ममता बनर्जी ने बाद में राहुल गांधी के फोन की बात कहते हुए बताया था कि वह अगली बैठक में जरूर शामिल होंगी. हालांकि, बैठक में आकर ममता बनर्जी ने सीट शेयरिंग जल्दी करने पर अपना फोकस रखा. पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी के लेफ्ट फ्रंट की ओर झुकाव को ममता दीदी के गुस्से की एक वजह बताया जाता है. इसी साल 20 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी जानबूझकर रणनीति के तहत ब्रिटेन में की गई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणियों के लिए संसद की कार्यवाही बाधित कर उन्हें विपक्षी खेमे का ‘हीरो’ बनाने की कोशिश कर रही है, ताकि ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके और विपक्षी दल आम लोगों से जुड़े मुद्दों को नहीं उठा सकें. उन दिनों कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए गए राहुल गांधी के भाषण को लेकर हमलावर भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही थी. वहीं, कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ से माफी को लेकर साफ तौर पर मना कर दिया गया था. हालांकि, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की वापसी से राहुल गांधी को लेकर ममता दीदी थोड़ी नरम हुईं, मगर हिंदी भाषी तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस की करारी हार से वह फिर तेवर में आ गई हैं.