नई दिल्ली. भारत में केले के पत्तों (Banana Leaves) पर खाना (Food) खाने की प्राचीन परंपरा (Ancient Tradition) रही है. खासतौर से दक्षिण भारत (South India) में आज भी लोग केले के पत्तों पर खाना खाते हैं. यहां पर स्टील की प्लेट के बजाय केले के पत्ते पर खाना खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. दक्षिण भारत को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों से यह परंपरा लगभग गायब हो चुकी है. 


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पुराने जमाने में लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद फिक्रमंद रहते थे, जिसके लिए वे स्वस्थ रूटीन का पालन करते थे. उनका पूरा ध्यान स्वच्छ और ताजा खाने पर होता था. इससे शरीर स्वस्थ और रोगमुक्त रहता था. इसलिए पुराने समय में केले के पत्तों पर खाना खाने का चलन था.


एंटी ऑक्सीडेंट्स से खाना बनता है सुपर हेल्दी


केले के पत्तों में एपिगालोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin Gallate) व एंटी ऑक्सीडेंट्स (Anti Oxidants) पाए जाते हैं. इनसे इम्युनिटी पॉवर (Immunity Power) में बढ़ोतरी होती है और खाने का पोषण बढ़ता है. केले के पत्तों पर रखा खाना पोषण को अवशोषित करता है और उसे सुपर हेल्दी बनाता है.


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केले के पत्तों में पाए जाते हैं एंटी बैक्टीरियल तत्व


विज्ञान के मुताबिक, केले के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल (Anti Bacterial) तत्व पाए जाते हैं. इससे खाने में मौजूद बैक्टीरिया (Bacteria) खत्म हो जाते हैं. इससे आपके बीमार होने का खतरा कम हो जाता है.


केले के पत्तों से स्वच्छ रहता है खाना


अगर आप स्टील के बर्तन में खाना खाते हैं तो उनको खाना खाने के बाद साबुन या सर्फ से धोना पड़ता है और कई बार बर्तन में केमिकल युक्त साबुन के अंश रह जाते हैं. फिर जब हम उसी बर्तन में खाना खाते हैं तो खाने के साथ केमिकल हमारे शरीर में चला जाता है, जो हमारे शरीर को बेहद नुकसान पहुंचाता है. इसके अलावा केले के पत्तों को ताजे पानी से धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है.


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