नई दिल्ली: औषधि और माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली मुलेठी अपने अंदर कई लाभप्रद गुणों को समेटे हुए है. यह उन वनौषधियों में से एक है, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर छोटे बच्चों के लिए किया जाता है. इसे जेठीमध, मधुक, मधुयस्टि और मुलहठी भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे लिकोरिस (liquorice) कहते हैं. विभिन्न प्रकार के रोगों की एक दवा मुलेठी स्वाद में मधुर, शीतल, पचने में भारी और शरीर को बल देने वाली होती है. जानिए इसके अनमोल गुणों के बारे में, जो आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे. 


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मुलेठी के फायदे (Licoris benefits)


1. मुलेठी का ज्यादातर इस्तेमाल खांसी-जुकाम या कफ को कम करने के लिए किया जाता है. बढ़े हुए कफ से गले, नाक और छाती में जलन महसूस होने लगती है. ऐसी अवस्था में मुलहठी को शहद के साथ मिलाकर चाटने से बहुत फायदा मिलता है.


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2. अगर आप सूखी खांसी या गले की किसी समस्या से परेशान हैं तो मुलेठी आपके लिए बेहद काम की चीज है. काली मिर्च के साथ पीस कर मुलेठी का सेवन करना सूखी खांसी के लिए लाभकारी रहता है. साथ ही इसे चूसने या उबालकर इसका सेवन करने से गले की खराश व दर्द में भी राहत मिलती है.


3. मुलेठी दिमाग को भी तेज करता है. अतः छोटे बच्चे नियमित तौर पर इसका सेवन कर सकते हैं.


4. मुलहठी चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है. इसे घिस कर लगाने से चेहरे के दाग और मुहांसे ठीक हो जाते हैं. साथ ही यह आपकी त्वचा को जवां बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.


5. मुंह में छाले हो जाने की स्थिति में मुलेठी चूसना या इसके पानी से कुल्ला करना या मुलेठी का पानी पीना छालों से राहत देता है. मुलेठी का इस्तेमाल आवाज को मधुर और सुरीला बनाने के लिए भी किया जाता है.


6. मुलेठी की मधुरता से पित्त का नाश होता है. आमाशय की बढ़ी हुई अम्लता एंव अम्लपित्त जैसी व्याधियों में मुलहठी काफी लाभप्रद साबित होती है. आमाशय के अंदर हुए अल्सर को मिटाने और पित्त को शांत करने के लिए मुलहठी का उपयोग किया जाता है. मुलहठी को मिलाकर पकाए गए घी का प्रयोग करने से भी अलसर की समस्या से निजात पाई जा सकती है.


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