एचआईवी संक्रमण से बच्चों और किशोरों की मौत और संक्रमण के मामलों में वृद्धि एक गंभीर चिंता का विषय है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने एक रिपोर्ट जारी कर चेतावनी दी है कि एचआईवी संक्रमण से हर रोज 271 (हर घंटे तकरीबन 11) बच्चों की मौत हो रही है और 10 से 19 वर्ष की आयु वाली 384 लड़कियां हर दिन एचआईवी से संक्रमित हो रही हैं.


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रिपोर्ट के अनुसार, एचआईवी संक्रमण से होने वाली मौतों में से अधिकांश अफ्रीका में हो रही हैं. अफ्रीका में, हर दिन 181 बच्चे एचआईवी से संबंधित कारणों से मर रहे हैं. इसके अलावा, 10 से 19 वर्ष की आयु वाली 290 लड़कियां हर दिन अफ्रीका में एचआईवी से संक्रमित हो रही हैं.


यूनिसेफ ने उठाए महत्वपूर्ण कदम
एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हैं. इनमें यौन शोषण, किशोर गर्भधारण, और असुरक्षित यौन संबंध शामिल हैं. इसके अलावा, एचआईवी के बारे में जागरूकता की कमी भी एक बड़ी समस्या है. यूनिसेफ ने एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है. यूनिसेफ ने कहा है कि सभी बच्चों को एचआईवी परीक्षण और उपचार तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए. इसके अलावा, यौन शोषण और किशोर गर्भधारण को रोकने के लिए भी उपाय किए जाने चाहिए.


लड़कियां ज्यादा पीड़ित
यूनिसफ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 10 से 19 साल की उम्र की लड़कियों में एचआईवी के नए संक्रमणों का 71% हिस्सा है. 15 से 24 साल की गर्भवती लड़कियों में से 25 प्रतिशत एचआईवी पॉजिटिव हैं. लड़कियों में लैंगिक असमानता, गरीबी और हिंसा जैसे कारक मौजूद हैं, जिसके कारण लड़कियों में पुरुषों की तुलना में एचआईवी का प्रसार तीन गुना से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान 90% एचआईवी संक्रमण के मामले सामने आते हैं.


भारत में क्या है स्थिति
भारत में एचआईवी से पीड़ितों लोगों की संख्या 23 लाख के करीब है. वहीं, 2021 में 41 हजार लोगों की HIV से मौत हो गई थी.


HIV से मौत को रोकने के उपाय
- सभी बच्चों और किशोरों का एचआईवी परीक्षण करना.
- एचआईवी-संक्रमित बच्चों और किशोरों को तुरंत उपचार प्रदान करना.
- यौन शिक्षा और संसाधनों तक पहुंच में सुधार करना.
- बच्चों और किशोरों के खिलाफ हिंसा और शोषण को रोकना.