Covid 19 Omicron Questions: भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले मिलने शुरू हो गए हैं. जिसके बाद हर भारतीय को Omicron variant से जुड़े कुछ सवाल चिंतित कर रहे हैं. जिनका भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया है. आइए, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से जुड़े 8 बड़े सवालों के जवाब जानते हैं और इस नए कोरोना वैरिएंट के खास लक्षण भी जान लेते हैं.


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वैरिएंट को ढूंढने वाली डॉक्टर ने बताए Omicron के मुख्य लक्षण
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को दुनिया के सामने लाने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने बताया कि ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा समेत कोरोना के अन्य वैरिएंट से फिलहाल अलग दिख रहे हैं. इसके कारण कोरोना के मरीजों में सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में खराश, कमजोरी व थकान जैसे हल्के लक्षण दिख रहे हैं. अभी तक किसी मरीज में स्मैल या टेस्ट खो जाने का कोई मामला नहीं देखा गया है. बता दें कि, डॉक्टर कोएत्जी दक्षिण अफ्रीकी चिकित्सा संघ की अध्यक्ष भी हैं.


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Omicron FAQ: ओमिक्रॉन वैरिएंट से जुड़े 8 बड़े सवाल
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना के नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन से जुड़े 8 बड़े सवालों के जवाब दिए गए हैं.


सवाल 1- ओमिक्रॉन क्या है और इसे Variant of Concern क्यों बनाया गया?
ओमिक्रॉन या B.1.1.529 सार्स-सीओवी-2 का एक नया वैरिएंट है. जो सबसे पहले 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में दर्ज किया गया था. Omicron के अंदर 30 से ज्यादा म्यूटेशन मौजूद हैं और इनमें से कई म्यूटेशन स्वतंत्र रूप से पहले भी दक्षिण अफ्रीका में तेजी से संक्रमण फैलने का कारण बन चुके हैं. इस खतरे को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) घोषित कर दिया.


सवाल 2- क्या मौजूदा कोरोना टेस्ट ओमिक्रॉन को पकड़ सकते हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना की जांच के लिए सबसे आम और प्रचलित टेस्ट आरटी-पीसीआर है. कोरोना की पुष्टि के लिए यह टेस्ट वायरस में कुछ खास जीन का पता लगाता है. जैसे- Spike (S), Enveloped (E), Nucleocapsid (N) आदि. हालांकि, भारी म्यूटेशन होने के कारण शुरुआती मामलों में आरटीपीसीआर के द्वारा S जीन का पता नहीं लग पा रहा है, जिसे S gene drop out कहा गया है. इस एस जीन ड्रॉप ऑउट और अन्य जीन की पुष्टि के साथ मौजूदा टेस्ट के द्वारा ओमिक्रॉन की की पुष्टि की जा सकती है. हालांकि, अंतिम पुष्टि के लिए genomic sequencing जरूरी है.


सवाल 3- क्या नया VOC बड़ी चिंता का विषय है?
मंत्रालय के मुताबिक, Omicron को लेकर एकदम चिंतित होने की जरूरत नहीं है, बल्कि बचाव व सुरक्षा के कदमों को सख्ती से अपनाएं और टीका लगवाएं. क्योंकि, ओमिक्रॉन को Variant of Concern (VOC) उसके अंदर मौजूद म्यूटेशन को देखते हुए घोषित किया गया है. पिछले समय में ये म्यूटेशन तेजी से संक्रमण फैलने, दोबारा इंफेक्शन होने और इम्यून सिस्टम पर गंभीर अटैक के लिए जिम्मेदार देखे गए हैं. हालांकि, ओमिक्रॉन के संक्रमण के फैलने की रफ्तार और इम्यून सिस्टम पर प्रभाव के बारे में सटीक जानकारी आना अभी बाकी है.


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सवाल 4- हमें बचाव के कौन-से तरीके अपनाने चाहिए?
मंत्रालय के मुताबिक, ओमिक्रॉन से बचाव (Omnicron Precautions) के तरीके पहले की तरह ही हैं. सही तरीके से मास्क पहनें, अगर टीका नहीं लगवाया है, तो टीके की दोनों डोज लगवाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और वेंटिलेशन का ध्यान रखें.


सवाल 5- क्या कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है?
साउथ अफ्रीका के बाहर ओमिक्रॉन फैलने से यह संकेत मिलता है कि भारत में भी ओमिक्रॉन के केस बढ़ेंगे. हालांकि, संक्रमण की गंभीरता, प्रसार और तेजी को लेकर अभी कुछ साफ जानकारी नहीं है. दूसरा, भारत में तेजी से हो रहे टीकाकरण और डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप झेलने के कारण आई सीरोपोजिटिविटी के कारण भारत में ओमिक्रॉन का संक्रमण हल्का हो सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक पुष्टि होना बाकी है.


सवाल 6- क्या कोरोना की मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ असरदार है?
मंत्रालय के मुताबिक, ऐसा कोई सबूत नहीं है, जो बताता हो कि ओमिक्रॉन पर कोरोना की मौजूदा वैक्सीन असर नहीं करेगी. बेशक, S जीन में म्यूटेशन होने के कारण मौजूदा वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है, लेकिन यह ओमिक्रॉन के गंभीर मामलों से पूरी तरह बचाव प्रदान करेगी. इसलिए, अगर आप योग्य हैं और वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी है, तो तुरंत लगवाएं.


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सवाल 7- Omicron Variant के खिलाफ भारत ने कौन-से कदम उठाए हैं?
भारतीय सरकार स्थिति की नजदीकी और बारीकी से निगरानी कर रही है और समय-समय पर जरूरी गाइडलाइन जारी कर रही है. इसके साथ ही, साइंटिफिक और मेडिकल कम्युनिटी ओमिक्रॉन की जांच, जीनोमिक सर्विलांस, पहचान और बचाव से जुड़े पहलुओं पर लगातार कार्य कर रही है.


सवाल 8- नये वैरिएंट क्यों आते हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक वैरिएंट वायरस के इवोल्यूशन का सामान्य हिस्सा है और जब तक वायरस संक्रमित करने, खुद को रेप्लिकेट (दोहराने) करने और फैलाने में सक्षम रहता है, वह इवोल्व करता रहता है. हालांकि, सभी वैरिएंट खतरनाक नहीं होते हैं, बल्कि कुछ को हम नोटिस भी नहीं करते हैं. जब वह बड़े स्तर पर संक्रमण फैलाते हैं, तो नजर में आते हैं. हालांकि, वैरिएंट्स आने से रोकने का सबसे महत्वपूर्ण कदम संक्रमण को रोकना है.


यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.