बीमारी के मारे ये सितारे/भूपेंद्र राय: छोटे पर्दे के जरिए अपनी अदाकारी से हर किसी को दीवाना बनाने वालीं एक्ट्रेस शमा सिकंदर ने बॉलीवुड में भी खूब नाम कमाया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से करीब 5 साल पहले वह एक मानसिक बीमारी का शिकार हो गईं थी. जिसका नाम है बाइपोलर डिसऑर्डर. इस गंभीर बीमारी में रोगी डिप्रेशन में रहता है और हमेशा उसको आत्महत्या के ख्याल आते रहते हैं. हालांकि अब शमा सिकंदर इससे पूरी तरह उबर चुकी हैं. 


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साल 1998 में फिल्म 'प्रेम अगन से' शमा सिकंदर ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की थी, फिल्म में उनका बहुत छोटा रोल था. फिर साल 2003 में आए टीवी सीरियल 'ये मेरी लाइफ है' में शमा सिकंदर नजर आईं, इस सीरियल में उनके पूजा के किरदार ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इसके बाद शमा सिकंदर को टीवी सीरियल, एफआईआर, सीआईडी, मन में है विश्वास और बाल वीर में देखा गया. 


शमा ने सुसाइड करने की कोशिश की थी


हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यह बीमारी किसी लाइलाज रोग से कम नहीं है. इसमें रोगी का माइंड लगातार बदलता रहता है. शमा के मुताबिक इस बीमारी से तंग आकर एक बार उन्होंने सुसाइड की कोशिश भी की थी. आइए जानते हैं कि बाइपोलर डिस्‍आर्डर क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है....


बाइपोलर डिस्‍आर्डर को लेकर हमने क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और मेंटल वेलनेस स्पीकर डॉ विकास खन्ना से खास बातचीत की है.. नीचे जानिए...


क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर  ? (What is bipolar disorder)
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि बायपोलर डिसऑर्डर एक तरह की दिमागी बीमारी होती है, जो डिप्रेशन की ही तरह होती है. आमतौर पर यह बीमारी नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में पाई जाती है. इसमें इंसान या तो ज्यादा खुश महसूस करता है या फिर बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है. 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शमा सिकंदर ने भी बताया था कि जिस वक्त वह  बायपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहीं थीं वो सबसे मुश्किल भरा वक्त रहा. यह कुछ ऐसा था जैसे कि आप अपनी जिंदगी के हर पल को एक महामारी के साथ जी रहे हैं.आपको किसी चीज की कोई उम्मीद ही नहीं रहती है. 


बाइपोलर डिसऑर्ड से पीड़ित इंसान को कैसा फील होता है?
डॉक्टर विकास खन्ना की मानें तो यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़‍ित व्यक्ति के व्यवहार में तेजी से परिवर्तन आने लगता है. ऐसा व्‍यक्ति अचानक से तनाव में आ जाता है और उसका आत्‍मविश्‍वास एकदम से चरम पर हो जाता है, जबकि दूसरे ही पल में वह एकदम शांत हो जाता है. इस बीमारी में कई बार व्यक्ति चाहकर भी अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाता. 


बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण (symptoms of bipolar disorder)
बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों की बात करें तो छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ा हो जाना भी इसका एक लक्षण है. बाइपोलर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को नींद की परेशानी रहती है. बहुत ज्यादा विचार में  रहने के कारण नींद नहीं आ पाती है और अनिंद्रा की परेशानी का शिकार रहता है. इससे पीड़ित व्यक्ति में पागलपन और डिप्रेशन दोनों ही एक साथ हो सकते हैं.  


क्या हो सकते हैं इस बीमारी के कारण ? 
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं बाइपोलर डिसऑर्डर के बड़े कारणों में अनुवांशिक कारणों को शामिल किया जाता है, जबकि नशीले पदार्थों का बहुत ज्यादा सेवन करना भी इस परेशानी का कारण हो सकता है. वे कहते हैं कि मस्तिष्क में होने वाले भौतिक बदलाव इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. हालांकि अभी तक की रिसर्च में इन बदलावों की कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं है, इसलिए इसके कारणों की खोज जारी है. 


 बाइपोलर डिसऑर्डर से बचने के उपाय (ways to prevent bipolar disorder)


1. बाइपोलर डिसऑर्डर का प्रमुख कारण तनाव है, इसलिए इससे बचने है तो तनाव कम से कम लें. तनाव के स्‍तर को कम करने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि तनाव का क्‍या कारण है. 


2.  बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्‍या से बचने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचें, क्‍योंकि सिगरेट या शराब के सेवन से तनाव घटने की बजाय बढ़ता है और तनाव बाइपोलर डिसऑर्डर को बढाता है.


3. असंतुलित भोजन दिनचर्या आपके तनाव को बढ़ाती है. तनाव के ज्‍यादा बढ़ने से बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्‍या बनती है. इसलिए आप हेल्दी डाइट जरूर लें और रोजाना एक्सरसाइज करें, इससे तनाव कम होता है.


4. डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि आप अपने दिमाग को सकारात्मक रखें. नकारात्मक पहलुओं के बारे में न सोचें. अगर आपके साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिसे सोचकर आप तनाव में आ जाते हैं तो बेहतर होगा कि आप जिंदगी के नकारात्मक पहलुओं से खुद को दूर रखें और उनके बारे में न सोचें.


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​​​


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