हार्मोन हमारे शरीर में विभिन्न ग्रंथियों द्वारा निर्मित केमिकल होते हैं. वे ब्लडस्ट्रीम में घूमते हैं, मैसेंजर के रूप में काम करते हैं और विभिन्न प्रकार के बायोलॉजिकल फंक्शन में पार्ट लेते हैं. उनके महत्वपूर्ण कामों में से एक हमारे मूड को अच्छा करना है. कुछ हार्मोन खुशी और आनंद सहित पॉजिटिव फीलिंग्स को बूस्ट करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं. कोई कितना भी प्रयास कर ले, हर दिन खुशनुमा नहीं हो सकता. हमेशा ऐसा समय आएगा जब कोई उदास महसूस करता है. ऐसे मामले में जब एनर्जी और मूड का लेवल कम होता है तो शरीर को चीजों को पूरा करने के लिए हैप्पी हार्मोन बूस्ट की जरूरत होती है. हैप्पी हार्मोन चार तरह के होते हैं- ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन, डोपामाइन और एंडोर्फिन. आइए अब हैप्पी हार्मोन को बेहतर बनाने के लिए इन आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर एक नजर डालते हैं.


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1. विटामिन सी
विटामिन सी शरीर में ऑक्सीटोसिन के लेवल को बढ़ा देता है और मूड में सुधार करता है. कुछ मिनिरल्स और विटामिन रिच पौष्टिक व बैलेंस डाइट लेने से शरीर में ऑक्सीटोसिन के लेवल बढ़ जाता है. विटामिन सी से भरपूर फूड आपको खुश और हेल्दी बना सकते हैं. संतरे, आंवला, नींबू आदि में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. 


2. मैग्नीशियम
मैग्नीशियम सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाता है और एक हेल्दी मूड बनाए रखता है. यह नर्वस सिस्टम को शांत करके शरीर को अत्यधिक कोर्टिसोल का उत्पादन करने से रोकता है. तनाव शरीर को अधिक कोर्टिसोल जारी करने का कारण बन सकता है. यदि नर्वस सिस्टम को शांत रखा जाए तो तनाव कम हानिकारक हो सकता है. केला, पालक और काजू में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. 


3. नियासिन B3
नियासिन बी3 ऑक्सीटोसिन को बूस्ट करके उदासी और डिप्रेशन की भावनाओं को कम करता है. नियासिन हार्मोन के उत्पादन में भी मदद करता है जो अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) और शरीर के अन्य क्षेत्रों में तनाव और सेक्स से जुड़ा होता है. नियासिन ने सूजन को कम करने और सर्कुलेशन में सुधार भी करता है. मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, ब्रोकोली में नियासिन बी3 पाया जाता है.


4. टायरोसिन
टाइरोसिन डोपामाइन और एपिनेफ्रीन बूस्ट होता है, जिससे मूड को कंट्रोल किया जा सकता है.इसके अलावा, टाइरोसिन मेलेनिन के संश्लेषण में मदद करता है, जो स्किन और बालों के रंग के लिए जिम्मेदार पिगमेंट है. टायरोसिन शरीर में व्यावहारिक रूप से सभी प्रोटीनों के निर्माण में भूमिका निभाता है. दूध, तिल व कद्दू के बीज में टायरोसिन पाया जाता है.


5. फोलेट
फोलेट सेरोटोनिन और डोपामाइन को बूस्ट करने में मदद करता है. चिंता और डिप्रेशन से जूझ रहे मरीजों के लिए विटामिन बी12 या फोलेट से भरपूर फूड प्रभावी और मददगार साबित हुए हैं. यह पोषक तत्वों में से एक है जो एक स्वस्थ गर्भावस्था और हार्मोनल बैलेंस के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. रिसर्च में भी पाया गया है कि फोलिक एसिड प्रोजेस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है, नियमित ओव्यूलेशन को प्रोत्साहित करता है और मेनोपॉज के गर्म चमक को कम करता है. चिकन, मटर, हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलेट पाया जाता है.


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