इंडिया के टॉप टीवी सीरियल 'अनुपमा' की मुख्य किरदार रूपाली गांगुली ने हाल ही में बीजेपी पार्टी ज्वाइन की है. इस खबर के बीच एक्ट्रेस का एक इंटरव्यू काफी चर्चे में है जिसमें उन्होंने अपने प्रेगनेंसी में आने वाली दिक्कतों के बारे में बात की है.


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46 साल की एक्ट्रेस ने बताया था कि उन्हें थायराइड की बीमारी के वजह से कंसीव करने में बहुत परेशानी हुई थी. मुझे थायराइड था. इसके वजह से फर्टिलिटी काउंट बहुत कम हो जाता है. मैंने कई डॉक्टरों को दिखाया. मेरा बेटा मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. बता दें कि थायराइड की प्रॉब्लम महिलाओं में बहुत आम होती है. खासतौर पर यदि जीवन शैली अच्छी ना हो.


क्या है थायराइड

थायराइड गले में मौजूद तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है, जो बॉडी के लिए जरूरी हार्मोन बनाने का काम करता है. थायराइड मेटाबॉलिज्म, पीरियड्स, ओव्यूलेशन को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार होता है. ऐसे में जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है तो महिलाएं अनियमित मासिक धर्म, बांझपन और यहां तक ​​कि जल्दी मेनोपॉज का अनुभव करती हैं. लंबे समय तक थायराइड ग्रंथि कम या ज्यादा हार्मोन बनाना एक बीमारी है.


महिलाओं को थायराइड का ज्यादा खतरा

वूमेंस हेल्थ. ऑर्गनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार, हर आठ में से एक महिला थायराइड की बीमारी से ग्रस्त होती है. यह संख्या इस बीमारी को पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक कॉमन बनाती है.


थायराइड और इनफर्टिलिटी में क्या संबंध है

हाइपोथायरायडिज्म यानी की थायराइड ग्रंथि में जब कम हार्मोन बनाते हैं तो इससे कंसीव करने में बहुत परेशानी आती है. क्योंकि थायरॉयड ग्रंथि आपके ओव्युलेशन चक्र के लिए जिम्मेदार है, थायराइड हार्मोन का निम्न स्तर अंडाशय में हस्तक्षेप कर सकता है. ऐसे में ओव्युलेशन चक्र अनियमित होता और कंसीव नहीं हो पाता है.


महिलाओं में ऐसे दिखते हैं हाइपो-थायराइड के लक्षण

हार्ट रेट का कम होना
थकान
मोटापा बढ़ना
ज्यादा ठंड लगना
ड्राई स्किन की समस्या
डिप्रेशन
हैवी पीरियड्स


कैसे रखें थायराइड कंट्रोल

थायराइड की बीमारी बहुत ज्यादा गंभीर होने पर इसके उपचार के लिए दवा या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है. लेकिन यदि शुरुआती स्टेज में ही इस बीमारी का निदान हो जाए तो इसे खान-पान में सुधार और योग की मदद से भी कंट्रोल रखा जा सकता है.

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बचाव के लिए ये उपाय जरूरी

थायराइड एक जीवन भर चलने वाली बीमारी है. एक बार होने के बाद इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए इसे कंट्रोल करना ही एकमात्र रास्ता रह जाता है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव ही सबसे अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको हेल्दी डाइट के साथ, रेगुलर एक्सरसाइज, वेट और स्ट्रेस मैनेजमेंट की जरूरत होती है. 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.