नई दिल्ली: जब हम बच्चे होते हैं तब हमें अभिभावकों से हमें यह सलाह मिलती रहती है कि स्वच्छतापूर्वक हाथ धोने की आदत डालो, अपने हाथ के नाखूनों को अच्छी तरह साफ करो और छोटा रखो। शायद कीटाणुओं और इन्फेक्शन से बचाव के लिए अच्छी तरह से हाथ धोना पहला कदम है। हालांकि यह ध्यान देने वाली बात है कि अच्छी तरह से साफ सफाई और हाथ धोने से भी सभी तरह के बैक्टिरिया का खात्मा नहीं होता है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

- आपके हाथों के नाखून गंदगी और कीटाणुओं का घर है। जो कुछ इन्फेक्शन्स को बढ़ा सकता है। जैसे पिनवॉर्म्स।
- वर्ष 1988 में पेंसिलवानिया यूनिवर्सिटी के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के शोध ने पाया कि हाथ के नाखूनों के नीचे खाली जगह में बैक्टिरिया का बंदरगाह है। यह शोध 26 युवाओं के नाखूनों पर किया गया जो किसी रोगी के संपर्क में नहीं थे।
- एक और दूसरे अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि कृत्रिम नाखूनों में नेचुरल नाखूनों की तुलना में और अधिक बैक्टिरिया पाया जाता है। हाथ धोने के पहले या बाद में भी।
- कृत्रिम नाखून की वजह से अच्छी तरह हाथ नहीं धोया जाता है। इन नाखूनों से डिस्पोजेबल दस्ताने भी फट जाने की संभावना रहती है।
- दूसरी ओर, बाल्टिमोर के जॉन होप्किंस अस्पताल के नर्सिंग शोधकर्ताओं ने 1993 में पता लगाया कि फिंगरट्रिप बैक्टीरियल सूक्ष्म जैव विविधता के मामले में पेंटेंड नेचुरल नाखून, कृत्रिम नाखूनों से कम प्रभावित होता है।


कहने का तात्पर्य यह है कि एंटीबैक्टिरियल साबुनों से हाथ धोने के बावजूद अपने हाथ के नाखूनों को अच्छी तरह साफ और छोटे रखें।