सूखे मेवे (dry fruits) अपने हेल्दी गुणों के कारण हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहे हैं. इनमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं. आयुर्वेद में भी सूखे मेवों को शक्तिशाली और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सूखे मेवों का सेवन करने से दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने, पाचन को बेहतर बनाने और समग्र स्वास्थ्य को लाभ होता है. आयुर्वेद सूखे मेवों को प्राण (जीवन शक्ति) और आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध सोर्स मानता है.


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कई लोग सूखे मेवों के फायदे, उन्हें खाने का सही तरीका, सही समय और मात्रा नहीं जानते हैं. इस वजह से उन्हें सूखे मेवों के सभी फायदे नहीं मिल पाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आयुर्वेद में सूखे मेवों को खाने का सही तरीका क्या है.


कौन का ड्राई फ्रूट सबसे ताकतवर है?
आयुर्वेद के अनुसार, बादाम सबसे ताकतवर ड्राई फ्रूट है. बादाम में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है. ये पोषक तत्व बादाम को एक शक्तिशाली हेल्दी भोजन बनाते हैं.


ड्राई फ्रूट खाने का क्या है सही समय?
आयुर्वेद के अनुसार, ड्राई फ्रूट खाने का सबसे सही समय सुबह खाली पेट है. सुबह खाली पेट ड्राई फ्रूट खाने से शरीर को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं और पाचन भी बेहतर होता है. आयुर्वेद में, ड्राई फ्रूट को प्राण (जीवन शक्ति) का एक शक्तिशाली स्रोत माना जाता है। सुबह खाली पेट ड्राई फ्रूट खाने से शरीर को ऊर्जा और शक्ति मिलती है. इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार, ड्राई फ्रूट को खाने से पहले भिगोकर खाने से भी अधिक लाभ मिलता है. भिगोने से ड्राई फ्रूट में मौजूद पोषक तत्व अधिक आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाते हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.