नई दिल्ली: रोजमर्रा के व्यायाम का सबसे महत्वपूर्ण चरण वार्म-अप होता है. कसरत (exercise) से पहले पांच से दस मिनट वॉर्म-अप करना काफी जरूरी होता है. यह बिलकुल वैसी ही बात है, जैसे कार को पहले गियर में  स्टॉर्ट किया जाता है और धीरे-धीरे उसकी गति को बढ़ाया जाता है, वैसे ही आपके शरीर के लिए वॉर्म-अप आवश्यक होता है.


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क्या हैं फायदे (warm up benefits)
वॉर्म-अप करने से आपकी हृदय-गति एकदम से नहीं बढ़ता और शरीर में रक्त-संचार भी अचानक से तेज नहीं होता है. मोटे तौर पर कहा जाए, तो वॉर्म-अप आपके शरीर को तैयार करता है. मुख्यत: आपके हृदय और श्वास तंत्र (हृदय और फेफड़े) को और मांसपेशियों को.


मानसिक तैयारी 
स्पॉट र्माचिंग, वॉकिंग और जॉगिंग वॉर्म-अप के कुछ उदाहरण है. वॉर्म-अप करने से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है और आपकी मांसपेशियों के ऊतकों द्वारा खून का संचार में तेजी आ जाती है. वॉर्म-अप का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू ये भी है कि आपके कसरत करने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं. इससे फायदा ये होता है कि शरीर के साथ-साथ आपका दिमाग भी कार्य को करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है.  


रिलैक्स करें    
वर्कआउट करने के अंतिम दस मिनट खुद को रिलैक्स (relax) करने का समय होता है. रिलैक्स करने से शरीर के तापमान में धीरे-धीरे कमी आती है. इससे आपको वर्कआउअ करने के बाद चक्कर आने और थकान जैसी परेशानी नहीं आती है. इसके अलावा यह आपकी मांसपेशियों से लैक्टिक एसिड जैसे दूषित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. बिना कूल डाउन किए करत खत्म करने से अचानक ब्लड प्रेशर कम होने और आंखों के आगे अंधेरा छाने जैसी शिकायतें नहीं होती.


कैसे करें रिलैक्स          
अगर आप र्काडियो से जुड़ी कोई गतिविधि कर रहे हैं, तो आप कसरत की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी लाए. एक निश्चित गति से एक्सरसाइज की तीव्रता में कमी लाने से आप आराम से कूल डाउन हो जाते हैं.


स्ट्रेच
कूल डाउन के दौरान स्ट्रेच करना सबसे बेहतर होता है, क्योंकि इस दौरान आपकी मांसपेशियां गर्म होती है और स्ट्रेच के लिहाज से पूरी तरह मुफीद होती है. स्ट्रेच आपको रिलैक्स करने में मदद करता है, साथ ही यह लचीलेपन को भी बढ़ाता है.


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(नोट: कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)