Basi roti ke fayde: बासी रोटी एक पारंपरिक भारतीय भोजन है, जो पीढ़ियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है. बासी रोटी खाने से कई स्वास्थ्य लाभ जुड़े हुए हैं. जबकि कुछ लोगों को बासी भोजन खाना अच्छा नहीं लगता है. आयुर्वेद इसे स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान अभ्यास मानता है. इस स्टोरी में हम आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बासी रोटियों के 5 हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बात करेंगे. चलिए शुरू करते हैं.


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1. पाचन में सुधार: आयुर्वेद के अनुसार, ताजी रोटी की तुलना में बासी रोटी पेट के लिए हल्की होती है. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से उनमें नमी की मात्रा कम हो जाती है, जिससे उन्हें पचाना आसान हो जाता है. यह गुण मुख्य रूप से कमजोर पाचन अग्नि वाले लोगों या अपच का अनुभव करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाता है.


2. दोषों को बैलेंस: आयुर्वेद का मानना है कि बासी रोटी खाने से शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को बैलेंस करने में मदद मिलती है. बासी रोटी की सूखी और हल्की प्रकृति कफ दोष को शांत करती है, जबकि इसका गर्म प्रभाव वात दोष को बैलेंस करता है.


3. वजन मैनेजमेंट में सहायक: ताजी रोटी की तुलना में  बासी रोटी में कैलोरी कम होती है, जो उन्हें अपना वजन कंट्रोल करने का लक्ष्य रखने वाले व्यक्तियों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती है. कम नमी की मात्रा शरीर में अत्यधिक वॉटर रिटेंशन को कंट्रोल करने में भी मदद करती है.


4. बूस्ट इम्यूनिटी: रोटियों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया प्रीबायोटिक्स के निर्माण को बढ़ाती है. एक स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और शरीर को संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण है.


 5. भोजन की बर्बादी कम होती: बासी रोटियों का सेवन पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण है क्योंकि यह भोजन की बर्बादी को कम करता है. यह भोजन उपभोग के प्रति सचेत और टिकाऊ दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)