Osteoarthritis: 2050 तक 100 करोड़ लोग होंगे ऑस्टियोआर्थराइटिस के शिकार! जानिए किस तरह मिलते हैं लक्षण
Osteoarthritis symptoms: लैंसेट के एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि 2050 तक दुनियाभर में लगभग एक अरब (100 करोड़) लोगों को ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की संभावना है.
2050 तक दुनियाभर में लगभग एक अरब (100 करोड़) लोगों को ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की संभावना है. यह दावा लैंसेट के एक नए अध्ययन में किया गया है. द लैंसेट रुमेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, फिलहाल दुनियाभर में 30 साल से ज्यादा आयु की आबादी के 15% लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में यह तेजी से वृद्धि उम्र बढ़ने, जनसंख्या वृद्धि और मोटापे से प्रभावित होने की संभावना है. 1990 में, अध्ययन के पहले वर्ष में, मोटापे को ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाली 16% विकलांगता के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था और 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 20% हो गया.
ऑस्टियोआर्थराइटिस क्या है?
ऑस्टियोआर्थराइटिस एक प्रकार का गठिया रोग है जिसमें जोड़ों के चारों ओर स्थित जोड़ों की जानी मानी सूजन और दर्द की स्थिति होती है. यह रोग आमतौर पर उम्र के साथ बढ़ने वाले जिन्मेडियटोरसल जोड़ों को प्रभावित करता है, जिसमें घुटने, कूल्हों, हड्डियों और हाथों के जोड़ शामिल होते हैं.
ये आमतौर पर जोड़ों को प्रभावित करता हैं
ऑस्टियोआर्थराइटिस किसी भी ज्वाइंट्स को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह आमतौर पर घुटनों, कूल्हों और रीढ़ जैसे वजन उठाने वाले जोड़ों में होता है. यह समय के साथ हाथों, उंगलियों और अन्य जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है.
महिलाओं के खतरा ज्यादा
2020 में इस बीमारी की व्यापकता का हवाला देते हुए शोधकर्ताओं ने कहा है कि भविष्य में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस समस्या से जूझने की अधिक संभावना है. 2020 में ऑस्टियोआर्थराइटिस के 61 प्रतिशत मामले महिलाओं में थे जबकि पुरुषों में 39 प्रतिशत. अध्ययन के एक लेखक ने कहा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में इस लिंग अंतर के पीछे जेनेटिक्स, हार्मोनल फैक्टर और शारीरिक अंतर हैं.
ऑस्टियोआर्थराइटिस को कैसे रोकें?
अध्ययन के अनुसार, अगर आबादी में मोटापे पर प्रभावी ढंग से ध्यान दिया जाए तो दुनियाभर के ऑस्टियोआर्थराइटिस के बोझ को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस के मैनेज करने में दर्द को कम करना, जोड़ों के कामों में सुधार करना और अच्छी जीवनशैली बनाए रखना शामिल है.