नॉर्मल सर्दी-जुकाम या खतरनाक कैंसर का संकेत? इन लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!
सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है. छींकना, खांसी और हल्का बुखार अक्सर बदलते मौसम का संकेत होता है. लेकिन अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या बिगड़ने लगे तो यह कैंसर का भी संकेत हो सकता है.
सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है. छींकना, खांसी और हल्का बुखार अक्सर बदलते मौसम का संकेत होता है. लेकिन अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या बिगड़ने लगें, तो यह किसी गंभीर बीमारी, यहां तक कि कैंसर का भी संकेत हो सकता है. सही समय पर इन लक्षणों को पहचानना और डॉक्टर से सहाल लेना आपकी सेहत बचा सकता है.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
क्रॉनिक खांसी: अगर खांसी तीन हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहे, खासकर अगर खांसी के साथ खून, घरघराहट या गला बैठने जैसे लक्षण हों, तो इसे नजरअंदाज न करें. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, यह फेफड़ों, गले या अन्नप्रणाली (एसोफेगस) के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है.
अनचाहा वजन कम होना: बिना किसी प्रयास के वजन घटना भले ही पहले सामान्य लगे, लेकिन यह गंभीर समस्या हो सकती है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ जनरल प्रैक्टिस के एक अध्ययन के मुताबिक, पेट, अग्न्याशय, फेफड़े और अन्नप्रणाली के कैंसर से जुड़े मामलों में अचानक वजन कम होना आम है.
बार-बार संक्रमण या बुखार: अगर आपको बार-बार बुखार या संक्रमण हो रहे हैं, तो यह कमजोर इम्यून सिस्टम का संकेत हो सकता है. ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रक्त कैंसर शरीर के व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करते हैं, जिससे बार-बार संक्रमण होता है.
लगातार थकान: हर किसी को कभी न कभी थकान होती है, लेकिन कैंसर से जुड़ी थकान गहरी और लगातार बनी रहती है. यह ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और कोलोरेक्टल कैंसर से संबंधित हो सकती है. अगर थकान से आपका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
निगलने में कठिनाई या गले में दर्द: लंबे समय तक गले में खराश या निगलने में कठिनाई महसूस होना गले, अन्नप्रणाली या थायरॉयड कैंसर का संकेत हो सकता है.
कब लें डॉक्टर की सलाह
अगर ये लक्षण तीन हफ्तों से अधिक समय तक बने रहें या बिगड़ें, तो तुरंत डॉक्टर की हेल्प लें. सामान्य जांच, जैसे इमेजिंग स्कैन, बायोप्सी या ब्लडवर्क से कैंसर की पहचान की जा सकती है.
कैंसर से बचाव के उपाय
* धूम्रपान छोड़ें: तंबाकू से मुंह, गले और फेफड़ों का कैंसर होता है.
* हेल्दी वजन बनाए रखें: मोटापा कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा है.
* अल्कोहल सेवन सीमित करें: ज्यादा शराब पीने से लीवर और गले के कैंसर का खतरा बढ़ता है.
* नियमित व्यायाम करें: शारीरिक सक्रियता कैंसर के खतरे को कम करती है.
* रूटीन टेस्ट करवाएं: समय-समय पर स्क्रीनिंग से कैंसर को शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.