Lungs Health: सर्दी के महीनों में सांस से संबंधी वायरस का प्रसार बहुत अधिक होता है. सर्दी में फ्लू और एलर्जी के मामलों में वृद्धि हो रही है और कोविड-19 अभी भी हमारे बीच है. इसलिए उचित सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. इसके अलावा, खराब वायु गुणवत्ता हमारे फेफड़ों और रेस्पिरेटरी सेहत पर अतिरिक्त भार डाल रहा है. नीचे कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें फॉलो करके आप खुद को वायरस और हानिकारक वायु प्रदूषकों से बचा सकते हैं.


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अपने लक्षणों को जानें
चाहे वह कोरोना हो, फ्लू हो या सर्दी, लगभग सभी संक्रमण फेफड़ों की तकलीफ का कारण बनते हैं. जब कोरोना की बात आती है, तो कुछ सबसे आम बीमारियों में हल्का बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द और दर्द आदि शामिल हैं. फ्लू के संक्रमण या सामान्य सर्दी-बुखार वाले लोग भी समान लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं. जबकि गंभीरता अलग हो सकती है, जबकि स्वास्थ्य चुनौतियां अक्सर समान रहती हैं. यदि आप सर्दी, कोविड या फ्लू के अलावा नाक बंद, खांसी और गले में जलन से पीड़ित हैं, तो यह प्रदूषण के कारण भी हो सकता है. भारत के प्रमुख शहर इस समय गिरती वायु गुणवत्ता से जूझ रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई, जलन, सांस की तकलीफ और आंखों में जलन की समस्या हो सकती है.


मास्क पहनें
अपने आप को संक्रामक वायरस और हानिकारक वायु प्रदूषकों से बचाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक अच्छी फिटिंग वाला मास्क पहनना है. कहा जाता है कि अपने मुंह और नाक को मास्क से ढकने से न केवल तेजी से फैलने वाले संक्रमण से बल्कि प्रदूषण से भी काफी हद तक सुरक्षा मिलती है. इसके अलावा, बाहर, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने और बाहरी गतिविधियों में शामिल होने से बचें. वर्तमान में, संक्रमण से बचने और प्रदूषण से प्रभावित होने का सबसे अच्छा तरीका घर के अंदर रहना है.


अच्छा खाना खाएं
पौष्टिक, बैलेंस डाइट से आपके फेफड़ों को बहुत फायदा हो सकता है. इसका मतलब है कि आपको ऐसे फूड को शामिल करना चाहिए जो अलग-अलग पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों से भरपूर हों. प्रोसेस्ड, रिफाइंड कार्ब्स से भरपूर, ऑयली और चीनी वाले फूड हमारे फेफड़ों सहित पूरी सेहत को प्रभावित करते हैं. ये केवल शरीर में सूजन पैदा करते हैं और फेफड़ों को और अधिक तनाव देते हैं. इसके बजाय, अपनी डाइट में ऐसे फूड को शामिल करें, जो फाइबर, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हों. इनमें साबुत अनाज, जामुन, नट और बीज, हरी, पत्तेदार सब्जियां और बहुत कुछ शामिल हैं.


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.