कई लोगों को बैठते समय एक पैर को दूसरे पर चढ़ाकर बैठना सबसे आरामदायक लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी सेहत के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है? डॉक्टरों का कहना है कि पैरों को क्रॉस करके बैठना न केवल वैरिकाज वेंस (नसों में सूजन) और गर्भवती महिलाओं में जन्म संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है, बल्कि यह हाई ब्लड प्रेशर का भी खतरा बढ़ाता है.


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पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने के नुकसान-


वैरिकाज वेंस और गर्भावस्था में जटिलताएं

पैरों को क्रॉस करके बैठने से रक्त प्रवाह में बाधा पैदा हो सकती है, जिससे वैरिकाज वेंस (नसों में सूजन) का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, यह पॉश्चर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से हानिकारक होता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान रक्त का प्रवाह पहले से धीमा हो जाता है. इससे पैरों में दर्द, सूजन और थकान हो सकती है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में, क्रॉस-लेग्ड बैठने से भ्रूण की स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे प्रसव में देरी या जटिलताएं हो सकती हैं.


हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम

अध्ययनों से पता चला है कि पैरों को क्रॉस करके बैठने से ब्लड प्रेशर 8% तक बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह पॉश्चर धमनियों पर दबाव डालता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में यदि आपको पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो क्रॉस-लेग्ड बैठने से बचना और भी जरूरी हो जाता है.

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पीठ दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव

पैरों को क्रॉस करके बैठने से पीठ की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ जाता है, जिससे पीठ दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है. यह गर्दन और कंधों में दर्द भी पैदा कर सकता है.


साइड इफेक्ट्स से बचने का तरीका

जब आप बैठें, तो अपनी पीठ सीधी रखें और अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखें. यदि आपको लंबे समय तक बैठना है, तो हर 30 मिनट में अपनी स्थिति बदलते रहें. हर घंटे कुछ मिनटों के लिए उठें और घूमें. इसके अलावा नियमित व्यायाम करें इससे मांसपेशियों को मजबूत बनाने और लचीलापन बढ़ाने में मदद मिलती है.