डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित की गई ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाएं अब किडनी को भी सुरक्षित रखने में कारगर साबित हो रही हैं. एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ये दवाएं न केवल वजन घटाने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, बल्कि किडनी से जुड़ी बीमारियों को भी कम करती हैं. यह शोध, जिसे भारतीय मूल के प्रोफेसर सुनील बदवे के नेतृत्व में किया गया, प्रद लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.


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GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स का मुख्य काम ब्लड शुगर को कंट्रोल करना है. यह दवाएं इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाती हैं और ब्लड शुगर लेवल को कम करती हैं. इसके साथ ही ये दवाएं पाचन प्रक्रिया को धीमा करती हैं, जिससे भूख कम लगती है और वजन घटाने में मदद मिलती है.


किडनी पर कैसे असर डालती हैं ये दवाएं?
इस शोध में पाया गया कि GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स का उपयोग करने वाले मरीजों में किडनी फेल होने का खतरा 16% तक कम हो जाता है. इसके अलावा, किडनी के काम को मापने वाला ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट भी 22% तक धीमी गति से घटता है. कुल मिलाकर, इन दवाओं ने किडनी फेलियर, किडनी फंक्शन में गिरावट और किडनी रोग से होने वाली मौत का खतरा 19% तक कम किया.


अध्ययन में कौन से GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स शामिल थे?
अध्ययन में सेमाग्लूटाइड (Ozempic, Wegovy), डुलाग्लूटाइड (Trulicity) और लिराग्लूटाइड (Victoza) जैसी सात अलग-अलग GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स को शामिल किया गया. कुल 11 बड़े पैमाने पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल्स में 85,373 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें से 67,769 लोग टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित थे, जबकि 17,604 लोग ओवरवेट या मोटापे से ग्रस्त थे लेकिन उन्हें डायबिटीज नहीं थी.


क्रॉनिक किडनी डिजीज के लिए नई उम्मीद
शोधकर्ताओं के अनुसार, क्रॉनिक किडनी डिजीज एक प्रोग्रेसिव बीमारी है, जो धीरे-धीरे किडनी फेलियर की ओर ले जाती है और मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है. इस बीमारी का सीधा संबंध समय से पहले मौत, खासतौर पर दिल की बीमारी से है. GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स इन समस्याओं को कम कर सकती हैं और मरीजों की जीवन क्वालिटी में सुधार ला सकती हैं.


मरीजों और डॉक्टरों के लिए क्या है खास?
प्रोफेसर सुनील बदवे ने बताया कि GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स का यह प्रभाव उन मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है जो क्रॉनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं. यह दवाएं न केवल डायबिटीज और मोटापे का इलाज करती हैं, बल्कि किडनी के काम को भी बेहतर बनाती हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.