डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से उत्पादन या उपयोग नहीं कर पाता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है. डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए दवा, इंसुलिन या दोनों का सेवन करने की आवश्यकता हो सकती है. इसके अलावा, उन्हें स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम भी करने की सलाह दी जाती है.


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करेले में कई ऐसे गुण होते हैं जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. करेले में मौजूद मोटिलिन नामक एक तत्व इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, करेले में मौजूद ग्लूकोसाइड्स रक्त में शर्करा के अवशोषण को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.


करेला खाना के फायदे
करेले में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, करेले में मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है।. जिंक शरीर के लिए आवश्यक एक खनिज है जो प्रतिरक्षा प्रणाली, कोलेजन उत्पादन और हार्मोन उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है. फाइबर पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और वजन घटाने में मदद कर सकता है. प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है। विटामिन ए आंखों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.


डायबिटीज में कैसे करें करेले का सेवन
करेले का जूस बनाने के लिए, सबसे पहले करेले को अच्छी तरह से धोएं. फिर, इसे बीच से चीरा लगाकर बीच का भाग निकाल लें. ध्यान रखें कि करेले का छिलका भी खाया जा सकता है, इसलिए इसे न हटाएं. फिर, बीच निकाले हुए करेले को जूसर मशीन में डालकर उसका जूस निकाल लें. इसमें नींबू का रस, थोड़ा सा सेंधा नमक, और पानी डालकर दोबारा से ग्राइंड करें. जब करेले का जूस बन जाए, तो उसे छन्नी से छान लें. ध्यान रखें कि जूस में करेले के दाने न हों. आप इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और काला नमक भी मिला सकते हैं.