हमारे पेट और स्वास्थ्य के लिए दही का सेवन काफी फायदेमंद होता है. लेकिन कोई भी चीज हर स्थिति या हर किसी के लिए ठीक नहीं होती है. इसी तरह कुछ समस्याओं से परेशान लोगों के लिए दही का सेवन नुकसानदायक हो सकता है. आइए जानते हैं कि किन समस्याओं के अंदर दही का सेवन (Curd Side Effects) नहीं करना चाहिए.


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इन समस्याओं से परेशान लोग ना खाएं दही (Curd Side Effects)
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि दही का सेवन हमारे पेट और पाचन के लिए बेहतरीन होता है. यह हमारे पेट के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया को स्वस्थ रखता है. इसके साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाने और बीपी को कम करने में मददगार होता है. लेकिन निम्नलिखित समस्याओं में दही का सेवन करने से बचना चाहिए.


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लैक्टोज इनटॉलरेंस - दूध, दही आदि डेयर उत्पादों में लैक्टोज (Lactose introlerance from curd) की मात्रा होती है. इस तत्व से कुछ लोगों को एलर्जी होती है, जिसे लैक्टोज इनटॉलरेंस कहा जाता है. इस समस्या से परेशान लोगों को दही का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. वरना पेट दर्द व डायरिया के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है.


अर्थराइटिस का दर्द (harmful effects of curd) - हड्डियों और दांतों के लिए दही का सेवन फायदेमंद माना जाता है. लेकिन अर्थराइटिस के कारण हो रहे जोड़ों के दर्द में दही का नियमित सेवन करने से मनाही की जाती है. इसलिए जोड़ों के दर्द में रोजाना दही का सेवन नहीं करना चाहिए. वरना गंभीर दर्द का सामना करना पड़ सकता है.


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अस्थमा के रोगी - आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अस्थमा के रोगियों को भी दही का बहुत ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए और रात के समय तो इससे दूर रहें. क्योंकि आयुर्वेद कहता है कि दही काफ दोष को असंतुलित कर सकती है. जिसके कारण म्यूकस गाढ़ा हो सकता है और सांस लेने में दिक्कत कर सकता है.


एसिटीडी की समस्या - जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या रहती है, वह भी दही का रात में सेवन करने से बचें. क्योंकि, रात में दही का सेवन आपके पाचन क्रिया को धीमा कर सकता है, जिसके कारण एसिडिटी व सीने में जलन की समस्या हो सकती है.


यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.