अमेरिका के सर्जन जनरल ने शराब के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सुझाव दिया है कि शराब की बोतलों पर भी सिगरेट की तरह कैंसर की चेतावनी दी जानी चाहिए. यह चेतावनी दुनियाभर में तेजी से बढ़ते कैंसर मामलों और शराब के सेवन के बीच सीधे संबंध को उजागर करती है.


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शोधकर्ताओं का कहना है कि शराब में मौजूद एथनॉल शरीर में जाकर एसिटाल्डिहाइड में बदल जाता है. यह एक ऐसा केमिकल है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है और कैंसर को बढ़ावा दे सकता है. इसके अलावा, शराब शरीर की सेल्स को रिपेयर करने की क्षमता को भी कमजोर कर देती है.


शराब से बढ़ने वाले कैंसर के प्रकार
* मुंह, गला और लिवर का कैंसर.
* ब्रेस्ट कैंसर, खासतौर पर महिलाओं में.
* कोलन और रेक्टल कैंसर.
अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं, उनमें इन बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.


हर घूंट का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे शराब कम मात्रा में ली जाए या अधिक, इसका असर शरीर पर जरूर पड़ता है. जो लोग सोचते हैं कि 'मॉडरेट ड्रिंकिंग' से कोई नुकसान नहीं होगा, उन्हें यह जानना चाहिए कि हर घूंट शरीर के डीएनए पर असर डालती है.


अमेरिकी सर्जन जनरल का सुझाव
सर्जन जनरल ने इस मामले को लेकर शराब निर्माताओं से अपील की है कि वे अपने प्रोडक्ट पर साफतौर पर स्वास्थ्य चेतावनी दें. उनका कहना है कि यदि लोग यह जान जाएंगे कि शराब कैंसर का कारण बन सकती है, तो वे अपने सेवन में कमी कर सकते हैं.


जागरूकता की जरूरत
भारत जैसे देशों में भी शराब का सेवन तेजी से बढ़ रहा है. इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि सरकार और स्वास्थ्य संस्थाएं लोगों को जागरूक करें. कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए, शराब की बोतलों पर चेतावनी देना एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.