खाने पीने का डिसऑर्डर (eating disorder) और खराब लाइफस्टाइल के साथ-साथ एयर पॉल्यूशन (air pollution) की वजह से भी फैटी लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. दुनिया भर में फैटी लिवर (fatty liver) की बीमारी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. एक अध्ययन में वैज्ञानिकों का दावा किया कि एयर पॉल्यूशन के कारण फैटी लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ी है. दुनियाभर में पिछले चार दशकों से फैटी लिवर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और 2012 से 2017 के बीच ऐसे मरीजों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


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जानवरों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि सांस के जरिए पोल्यूटेंट पार्टिकल शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. हवा में मौजूद बहुत छोटे कण इंसान के शरीर में पहुंचकर एक नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच) जैसे फेनोटाइप को बढ़ा सकते हैं, इससे हेपेटिक ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है और फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.


फैटी लिवर के लक्षण
शुरुआत में फैटी लिवर डिजीज के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ समस्याओं के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है. ये हैं फैटी लिवर के कुछ लक्षण- बार-बार उल्टी जैसा महसूस होना, भूख न लगना, खाना ठीक से न पचना, बार-बार थकान महसूस करना, कमजोरी महसूस होना, वजन कम होना या पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन.


फैटी लिवर के घरेलू नुस्खे


  • दवाओं के अलावा आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना कर फैटी लिवर की बीमारी से बचाव कर सकते हैं. 

  • नारियल पानी, दाल का पानी और छाछ खूब पिएं.

  • डेली एक्सरसाइज करें.

  • सभी सब्जियों में लहसुन का इस्तेमाल करें.

  • देर रात खाना न खाएं.

  • शराब और सिगरेट पूरी तरह से छोड़ दें.

  • खाने को अच्छी तरह चबाकर खाएं.

  • ब्रोकली, मछली, एवोकाडो का सेवन ज्यादा करें.


Disclaimer:
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