Heat Wave Advisory: अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है. मौसम बदल रहा है, दिन की धूप अब लोगों को चुभने लगी है. चिलचिलाती धूप और हिट वेव को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों कुछ सावधानियां बरतने का सुझाव दिया गया है. इस एडवाइजरी में बच्चों, वयस्कों, काम करने वाले एम्पलाई लोगों को लू से बचने के लिए सलाह दी गई है. आइए इस लेख में अच्छे से जानते हैं कि हीट वेव से बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. सबसे पहले क्या करना चाहिए इसके बारे में जानते हैं.


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शरीर में पानी की कमी न होने दें (Stay hydrated)


प्यास लगने का इंतजार न करें, बल्कि जब भी संभव हो, पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें. बाहर निकलते समय साथ में पानी बॉटल रखें. घरेलू पेय पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि नींबू पानी, छाछ / लस्सी, नमक मिला हुआ फल का जूस. ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) का भी सेवन किया जा सकता है. तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा, लेट्यूस आदि जैसे मौसमी फल और सब्जियों को डेली डाइट में शामिल करें इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है.


धूप से बचें (Stay covered)


पतले, ढीले और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें. सीधी धूप में निकलने से पहले सिर को ढकें. छाते, टोपी, कैप, तौलिया या अन्य पारंपरिक टोपियों का इस्तेमाल करें.
धूप में बाहर निकलते समय जूते या चप्पल पहनें.


सचेत रहें (Stay alert)


स्थानीय मौसम की जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें या अखबार पढ़ें. भारत मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट https://mausam.imd.gov.in/ पर मौसम की ताजा जानकारी प्राप्त करें.


हवादार और ठंडी जगहों पर रहें.


घर के अंदर सीधी धूप और गर्मी से बचें: दिन के समय खिड़कियाँ और पर्दे बंद रखें, खासकर घर के धूप वाले हिस्से में. रात में खिड़कियां खोलकर ठंडी हवा आने दें.
अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो सुबह या शाम के ठंडे समय ही बाहर निकलें.


क्या न करें- 


कड़ी धूप से बचें: दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच खासकर बाहर निकलने से बचें.
धूप में मेहनत कम करें: दोपहर में बाहर ज्यादा मेहनत वाले काम न करें.
नंगे पैर न चलें: धूप में या गर्म जमीन पर जूते या चप्पल पहनें.
खाना बनाते समय सावधानी: दोपहर के वक्त खाना बनाते समय रसोई का दरवाजा और खिड़कियां जरूर खोलें, इससे किचन वेंटिलेटेड रहेगा.
भोजन पर ध्यान दें: ज्यादा प्रोटीन वाला और बासी खाना खाने से बचें. बैलेंस डाइट को डेली लाइफ में शामिल करें.


लू से किन बीमारियों का होता है खतरा-


आमतौर पर आपके शरीर का नार्मल टेम्परेचर: 36.4°C से 37.2°C (97.5°F से 98.9°F) के बीच होना चाहिए. तेज धूप या ज्यादा गर्म वातावरण में रहने से हीट स्ट्रेस हो सकता है, जिससे गर्मी से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं. ये बीमारियां हल्की से लेकर गंभीर हो सकती हैं, जैसे - चकत्ते पड़ना, हाथ-पैरों में सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, बेहोशी, कमजोरी होना. हीट स्ट्रेस कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है जैसे किडनी संबंधित या हार्ट संबंधित बीमारी.


लू लगने के लक्षण: चक्कर आना, घबराहट, उल्टी, तेज सिरदर्द, बहुत ज्यादा प्यास लगना, पेशाब कम होना और पेशाब का रंग गहरा पीला होना, सांस तेज चलना और दिल की धड़कन बढ़ जाना.


मगर जब लू लगने से स्थिती आगे बढ़ जाती है तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी होती है, बड़ों और बच्चों में अलग अलग लक्षण दिख सकते हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


वयस्कों में हीट स्ट्रोक के लक्षण बच्चों में  हीट स्ट्रोक के लक्षण
बेहोशी दूध पीने से इनकार करना
 बेचैनी चिड़चिड़ापन
शरीर का तापमान 40°C या उससे ज्यादा होना पेशाब कम आना
तेज सिरदर्द मुंह सूखना 
घबराहट, चक्कर आना  आंखों में पानी न आना
उल्टी होना सुस्ती या बेहोशी
दिल की धड़कन तेज चलना दौरे पड़ना 
सांस लेने में तकलीफ शरीर से किसी जगह खून आना