नई दिल्ली : अभिनेत्री एवं मथुरा से भाजपा की सांसद हेमा मालिनी ने नौ माह से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों की गिरफ्त में लाने वाले ‘खसरा’ तथा गर्भस्थ शिशुओं में अंधापन, बहरापन, मस्तिष्क एवं हड्डियों संबंधी कई बीमारियों के जन्मदाता ‘कॉग्नीटल रुबेला सिण्ड्रोम’ की रोकथाम के लिए जरूरी ‘एम-आर’ टीका लगवाने की अपील करते हुए लोगों से आगामी 26 नवंबर से शुरु होने वाले अभियान में शामिल होने का आह्वान किया है. 


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हेमा मालिनी ने 32 सेकंड के वीडियो क्लिप में कहा है कि दो बीमारियों को हराएंगे, एम-आर का एक टीका जरूर लगवाएंगे. इसके बाद वह अपील करती हैं कि 26 नवंबर 2018 से शुरु हो रहे अभियान के दौरान स्कूलों और टीकाकरण केंद्रों में अपने नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को ‘एम-आर’ का एक टीका अवश्य लगवाएं. 


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विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूनिसेफ कार्यक्रमों के जिला प्रतिनिधि मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मथुरा की सांसद की शनिवार को तैयार की गई इस अपील का पूरे प्रदेश में मीजल्स एवं रुबेला की रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले अभियान के द्वितीय चरण के लिए उपयोग किया जा रहा है. अभियान का पहला चरण फरवरी 2017 में चलाया गया था. 


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सिंह ने बताया कि मीजल्स तथा रुबेला बेहद खतरनाक बीमारियां हैं. मीजल्स से पीड़ित पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की अक्सर न्यूमोनिया, डायरिया एवं मस्तिष्क विकार संबंधी बीमारियों से असमय मृत्यु हो जाती है. कॉग्नीटल रुबेला सिंड्रोम (सीआरएस) संक्रमित गर्भवती को गर्भपात या अपरिपक्व बच्चे का जन्म जैसी समस्या होती है.  साथ ही शिशु को भी कई जन्मजात बीमारियां होने का खतरा रहता है. उन्होंने बताया कि दुनिया में प्रतिवर्ष करीब एक लाख बच्चे सीआरएस संक्रमित पैदा होते हैं. यूनिसेफ ने वर्ष 2030 तक बच्चों की मृत्युदर नियंत्रित करने के लिए इस प्रकार की सभी बीमारियों से मुक्ति का लक्ष्य रखा है. 


(इनपुट : भाषा)