High Blood Pressure In Children: हम आप ये सोचते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत सिर्फ बढ़ती उम्र के लोगों को ही हो सकती है, तो ये विचार गलत है, क्योंकि आजकल कोई बीमारी उम्र नहीं देखती. हमें अपने बच्चों को हर तरह की बीमारियों से बचाना चाहिए और हल्के लक्षणों को भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. हाई बीपी को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, जो मौजूदा दौर में बच्चों और टीन एज ग्रुप के लोगों को अपना शिकार बना रहा है, ये आगे चलकर दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए बेहतर है कि इसके कारणों को समझें और लक्षणों को पहचानकर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं


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बच्चों में हाई बीपी होने की वजह


डॉक्टर इमरान अहमद ने बताया कि बच्चों और किशोर उम्र के लोगों को आखिर हाइपरटेंशन की परेशानी क्यों पेश आती है. सबसे पहले समझना होगा कि हाई ब्ल़ड प्रेशर 2 तरह के होते हैं.


1. प्राइमरी हाइपरटेंशन (Primary Hypertension)

ये टीन एज ग्रुप और एडल्ट्स में ज्यादा आम है. ये अक्सर लाइफस्टाइल फैक्टर्स के कारण होता है. किसी के जीन भी एक भूमिका निभा सकते हैं. कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं


-अधिक नमक का सेवन
-फैमिली हिस्ट्री
-मोटापा
-डायबिटीज


 


2. सेकेंडरी हाइपरटेंशन (Secondary Hypertension)

ये युवाओं की तुलना में बच्चों में अधिक होता है. अंडरलाइंग हेल्थ कंडीशन आमतौर पर इसके लिए जिम्मेदार होते हैं. इसके कुछ सामान्य कारण हैं


-स्लीप डिसऑर्डर्स
-अनकंट्रोल्ड स्ट्रेस
-कुछ दवाएं
-हाइपरथायराइडिज्म
-हार्मोनल प्रॉब्लम्स
-हार्ट या ब्लड वेसेल्स डिसऑर्डर
-किडनी डिसऑर्डर



बच्चों में हाइपरटेंशन के लक्षण


हाई ब्लड प्रेशर के अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है. हालांकि, गंभीर मामलों में बच्चों में इशारे नजर आ सकते हैं.



-सिरदर्द
-सीने में जकड़न
-मतली या उल्टी
-सांस लेने में परेशानी
-नजरों में बदलाव
-दिल की धड़कन का बढ़ जाना


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.