देश के कई हिस्सों में इन दिनों बढ़ती हुई नमी ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. गर्मी और उमस से तो राहत मिल रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती नमी हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.


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पुणे स्थित अपोलो क्लिनिक में रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. वर्षा भट्ट ने बताया कि नमी का सीधा प्रभाव हड्डियों और जोड़ों पर पड़ता है. हाई ह्यूमिडिटी में शरीर के तापमान को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द बढ़ सकता है. इसके अलावा, नमी की वजह से हवा में मौजूद नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हड्डियों में कैल्शियम का अब्जॉर्शन कम हो सकता है.


कैसे होती है हड्डियों और जोड़ों पर असर?
जोड़ों में सूजन:
नमी के कारण शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे जोड़ों में सूजन आ सकती है. अर्थराइटिस के मरीजों को इस मौसम में ज्यादा परेशानी हो सकती है.
हड्डियों की कमजोरी: नमी की वजह से हड्डियों में कैल्शियम का अवशोषण कम हो सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं.
मसल्स में खिंचाव: नमी के कारण मसल्स में खिंचाव और दर्द की समस्या बढ़ सकती है.
संक्रमण का खतरा: नमी के कारण बैक्टीरिया और फंगस तेजी से बढ़ते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


कैसे करें बचाव?
डाइट का ध्यान रखें. कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर डाइट लें.
रोजाना व्यायाम करें. नियमित व्यायाम हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है.
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. इससे शरीर का तापमान कंट्रोल में रहता है.
जहां तक संभव हो नमी से बचने की कोशिश करें. घर में नमी कम करने के उपाय करें.
अगर आपको पहले से ही जोड़ों का दर्द है तो डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें.


कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर आपको जोड़ों में तेज दर्द, सूजन, लालिमा या बुखार जैसी समस्याएं हो रही हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.