24 घंटे की दिनचर्या और दिल की बीमारियों और मधुमेह के बीच संबंध पर किए गए एक नए शोध में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. इस शोध में 2,000 से अधिक वयस्कों ने सात दिनों तक सेंसर पहने रखे, जिससे वैज्ञानिकों को उनके बैठने, खड़े होने, घर-कार्यालय में पानी लेने जाने जैसे छोटे काम और सोने में बिताए जाने वाले समय का पता चला. 


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डायबिटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और बेकर हार्ट एंड डायबिटीज इंस्टीट्यूट के नए शोध के अनुसार, दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए 8 घंटे की नींद जरूरी है. साथ ही, हर दिन कम से कम 2.2 घंटे हल्की से मध्यम गतिविधि भी आवश्यक है. 



ऐसे बांटे दिन के 24 घंटे-


नींद के लिए 8 घंटे

सेहत के लिए नींद दवा की तरह होता है. ऐसे में 8 घंटे की नींद हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद करती है.

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हल्की गतिविधि

हर दिन कम से कम 2.2 घंटे हल्की से मध्यम गतिविधि, जैसे कि पानी पीने के लिए उठना, वॉशरूम जाना या दोस्तों के साथ टहलना. यह एक्टिविटी शुगर कंट्रोल करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार साबित होती है.


खड़े रहना

हर दिन कम से कम 5.2 घंटे खड़े रहें. बैठने के समय को कम करना और खड़े रहने का समय बढ़ाना दिल की बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है.


मध्यम से तीव्र गतिविधि

प्रति मिनट 100 कदम से अधिक चलने जैसी मध्यम से तीव्र गतिविधि को हर दिन 2 घंटे से अधिक करना चाहिए.


जल्दी ही तैयार किया जाएगा दिशा-निर्देश

ऑस्ट्रेलिया में इस शोध के आधार पर नए दिशा-निर्देश बनाने की तैयारी है. यह शोध उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं और दिल की बीमारियों और मधुमेह से बचना चाहते हैं.

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