क्या पीली, क्या काली, सेहत के गुण गाइए और मसूर की दाल खाइए
मसूर की दाल कम ही घरों में बनती है. लेकिन इस दाल में स्वाद और सेहत दोनों के राज छुपे हुए हैं. आइए जानते हैं...
नई दिल्ली: भारतीय घरों का दालों से काफी गहरा रिश्ता है. ऐसे कम ही दिन होते हैं, जब खाने में दाल शामिल ना हो. अगर दालों की बात करें, तो मध्य भारत में मूंग की दाल का बोलबाला है. वहीं, यूपी और बिहार में तुअर या अरहर की दालें खाई जाती हैं. वहीं, पंजाब और नॉर्थ इंडिया में काली दाली का चलन है. लेकिन इन सबके बीच मसूर की दाल कम ही घरों में बनती है. लेकिन इस दाल में स्वाद और सेहत दोनों के राज छुपे हुए हैं. आइए जानते हैं...
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कैसे बनाए जाती है दाल?
मसूर की दाल दो तरीके की होती है. एक छिलके वाली और दूसरी बिना छिलके वाली पीली दाल. पीली दाल को नॉर्मल तरीके से बनाया जाता है. वहीं, काली दाल (छिलके वाली) को गर्म मसाले और सब्जी तरह बनाया जाता है. इसके अलावा बंगाल में आम और हल्दी का इस्तेमाल करके बिल्कुल ही स्वादिष्ट तरीके से बनाई जाती है. इसके अलावा वेज कीमा बनाने में भी मसूर दाल का इस्तेमाल किया जाता है.
मसूर दाल खाने के फायदे
1. इम्यूनिटी को करता है बूस्ट- मसूर की दाल आयरन का अच्छा स्त्रोत होता है. इसके सेवन से पुरुषों की 87 फीसदी और महिलाओं की 38 फीसदी आयरन की पूरी की जा सकती है. आयरन इम्यूनिटी बूस्ट करने का भी काम करता है. इसके अलावा ये दाल गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होती है.
2. मिलता है जबरदस्त प्रोटीन- मांसहारी लोग मांस और अंडों से प्रोटीन की कमी को पूरा करते हैं. शाकाहारी लोगों के सामने इसके विकल्प कम हैं. हालांकि, मसूर की दाल में लगभग 26 फीसदी प्रोटीन मौजूद होता है. जो आपकी प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकता है.
3.डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद- मसूर की दाल शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद हैं. यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है. मसूर का दाल का सेवन इनसुलिन रेसिस्टेंस डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी असरकार होती है. इसके अलावा यह दिल के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है.
4. पाचन में आसान- सभी दोलों की खासियत ये होती है कि वो पचाने में आसान होती हैं. हालांकि, अधिक दाल खाने से कब्ज की समस्या होती है. लेकिन मसूर के साथ ऐसी दिक्कत नहीं है. इसमें अघुलनशील फाइबर होते हैं, जिससे कब्ज की समस्या दूर रहती है.
5. स्किन और दांत के लिए फायदेमंद- मसूर की दाल को जला कर बरीक पीस कर पेस्ट बना लें. इसकी मसाज से दांत और मसूढ़े मजबूत होते हैं. वहीं, मसूर की दाल और दूध का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाया जाए, तो स्किन पर झुर्रियां नहीं आती हैं.
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य ज्ञान पर आधारित है. किसी भी चीज के सेवन से पहले अपने डॉक्टर्स या क्षेत्र से जुड़ें एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर ले लें.
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