Cancer Early Sign: दर्द को बढ़ती उम्र का असर माने बैठा रहा शख्स, 3 महीने में कैंसर से हो गयी मौत, आप तो नहीं कर रहे ये गलती?
Cancer ke Lakshan: कैंसर के शुरुआती लक्षणों की अनदेखी सीधे-सीधे मौत को दावत देने के बराबर है. क्योंकि यह संकेत बहुत ही मामूली होते हैं, ऐसे में यह गलती होना बहुत आम है.
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती है. जिसमें जोड़ों में दर्द से लेकर कब्ज, पेट में दर्द रहना भी शामिल है. लेकिन इन समस्याओं के लगातार बने रहने पर हेल्थ चेकअप नहीं करवाना जानलेवा साबित हो सकता है.
ऐसा ही कुछ न्यूकासल में रहने वाले 58 साल के डेव स्मिथ के साथ हुआ. स्मिथ एक साल से ज्यादा समय से लगातार पेट दर्द के तकलीफ से गुजर रहे थे. एक दिन आधी रात में तेज दर्द के बाद जब वह चेकअप के लिए पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि वह पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रसित हैं. उनके लिवर और पैनक्रियाज में बहुत सारे ट्यूमर हैं. जिसके बाद 3 महीने के भीतर उनकी मौत हो गयी.
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सालों से फैल रहा था कैंसर
स्मिथ की पत्नी ने एक्सप्रेस.को. यूके से बातचीत में बताया कि उन्हें साल भर पहले से ऐसा लग रहा था कि उनकी सेहत बिगड़ रही है. रेचल ने बताया स्मिथ के बाउल मूवमेंट में बदलाव नोटिस किया था. वह बताती हैं कि अचानक से उनके फ्रेश होने के बाद वॉशरूम से बहुत गंदी स्मेल आने लगी थी. साथ ही स्मिथ पेट साफ ना होने के कारण खाना भी कम खाने लगे थे.
दूसरो के सबक के लिए स्टोरी की शेयर
डेव स्मिथ के कैंसर की स्टोरी उनकी 36 साल की बीवी रेचल ने इस उम्मीद में शेयर की है, कि लोग इससे सबक लें. कैंसर के शुरुआती लक्षणों को जानें, अपनी हेल्थ को गंभीरता से लें.
कैसे होता है पैंक्रियाज कैंसर
वैसे तो पैंक्रियाज कैंसर के होने का कोई ठोस कारण नहीं पता लग पाया है. लेकिन यह कैंसर स्मोकिंग, मोटापा, डायबिटीज, पेट से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त लोगों में बहुत आम है. इसके अलावा पैंक्रियाज कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होने पर इसके होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है.
पहले स्टेज पर कैसे पहचानें पैंक्रियाज कैंसर
मायो क्लिनिक के अनुसार, पैंक्रियाज कैंसर के शुरुआती लक्षण में पेट दर्द जो साइड और बैक में फैलता है, भूख में कमी, वेट लॉस, त्वचा का पीला पड़ना, यूरिन का डार्क कलर होना, उल्टी, मतली, लिवर का बढ़ना शामिल है.
पैंक्रियाज कैंसर से कैसे बचें
स्मोकिंग को छोड़ने भर से पैंक्रियाज कैंसर का खतरा 20-30 प्रतिशत तक कम हो जाता है. इसके साथ ही हेल्दी वेट मेंटेन रखें, हेल्दी खाएं और अल्कोहल का सेवन कम से कम करें. इसके साथ ही रेगुलर बॉडी चेकअप करवाते रहें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.