अच्छी पर्सनालिटी का निर्माण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से संपूर्ण विकास से संबंधित होता है. लंबी हाइट एक बेहतर पर्सनैलिटी को दर्शाता है. व्यक्ति की हाइट उसके शारीरिक रूप से एक अहम पहचान होती है. यह उसकी आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाती है. हालांकि, अधिक लंबा होना सेहत के लिए नुकसान साबित हो सकता है.


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नए युग में जीवन की गतिविधियों और बदलती जीवनशैली के साथ, व्यक्ति की शारीरिक संरचना और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. आधुनिक जीवनशैली के एक विशेष पक्ष है लंबाई का प्रभाव, जो विभिन्न समस्याओं का कारण बन रहा है, जिसमें तंत्रिका और दिल की बीमारियां शामिल हैं. लंबाई और बीमारी को जोड़ने वाले अब तक के सबसे बड़े अध्ययन के अनुसार, लंबे होने से तंत्रिका और दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है.


कैसे रहता है इन बीमारियों का खतरा?
लंबे व्यक्तियों में स्पाइनल कर्व का खतरा होता है, जो तंत्रिका (स्कोलियोसिस) का कारण बनता है. स्पाइनल कर्व के कारण, स्पाइन की रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आता है और यह दर्द और दिक्कत का कारण बनता है. इसके अलावा, लंबे व्यक्तियों में दिल को विशेष रूप से धक्के और ब्लड पंप करने में परेशानी हो सकती है. इसके वजह से दिल के रोग का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें हार्ट अटैक, दिल की बीमारी और इस्कीमिया आदि शामिल हैं.


ब्लड प्रेशर और ओस्टियोपोरोसिस का भी खतरा
लंबे व्यक्ति में ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है. हाई ब्लड प्रेशर के कारण दिल पर अधिक दबाव पड़ता है जो दिल के रोगों का कारण बनता है. इसके अलावा, लंबाई के अधिक होने से, हड्डियों में कमजोरी और ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) होने का खतरा बढ़ता है. यह खून में कैल्शियम की कमी के कारण होता है, जो आगे जाकर हड्डियों को कमजोर बनाता है और इससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है.