डायबिटीज में शुगर बढ़ने के डर से लोग चावल खाने से बहुत डरते हैं. लेकिन कर्नाटक में उगाया जाने वाला राजामुडी चावल एक सेफ विकल्प साबित हो सकता है. यह अपने अनोखे स्वाद, सुगंध और पोषण गुणों के लिए काफी फेमस है. इसके दाने बड़े, गोल और लाल-भूरे रंग के होते हैं, जो इसे दूसरे प्रकार के चावल से अलग बनाते हैं. 


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वैसे तो राजामुडी चावल को कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या इसे रोज सफेद और ब्राउन राइस की जगह पर खाया जा सकता है? चलिए जानते हैं इसके फायदे 


हाई फाइबर 

राजामुडी चावल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है. यह शरीर में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. साथ ही हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में भी सहायक होता है.


लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स

राजामुडी चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) दूसरे किस्म के चावल से कम होता है, जो इसे डायबिटीज रोगियों के लिए एक सेफ ऑप्शन बनाता है. इसका सेवन करने से ब्लड में शुगर बहुत धीरे बढ़ता है, जिससे यह अधिक स्थायी ऊर्जा प्रदान करता है.

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पोषक तत्वों से भरपूर

राजामुडी चावल में कई तरह के पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और विभिन्न विटामिन पाए जाते हैं. ये पोषक तत्व शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं और मेटाबॉलिज्म को भी सुधारते हैं.


एंटीऑक्सीडेंट गुण

राजामुडी चावल में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. ऐसे में इसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है. साथ ही यह इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. 

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क्या इसे सफेद-भूरे चावल की जगह खाना चाहिए?

भूरे चावल की तुलना में, जो कि अधिक फाइबर और पोषक तत्वों से भरा होता है, राजामुडी चावल में भी समान लाभ मिलते हैं. जबकि सफेद चावल को प्रोसेस्ड किया जाता है, जिससे उसके पोषण गुण कम हो जाते हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इसे आप अपने रेगुलर डाइट में शामिल कर सकते हैं. यह दूसरे चावल से बेहतर है. 

 


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.