नई दिल्ली: दुनिया भर में कोविड-19 (Covid-19) की वजह से हुई अधिकांश मौतें उन देशों में हुई हैं जहां बड़ी संख्या में लोग मोटापे (Obesity) का शिकार हैं. एक ग्लोबल स्टडी की मानें तो कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मृत्यु की दर उन देशों में 10 गुना अधिक है जहां कम से कम 50% वयस्कों का वजन सामान्य से अधिक है. इस रिपोर्ट में किसी देश की कोविड-19 की मृत्यु दर (Mortality Rate) और मोटापे के बीच परस्पर सहसंबंध होने के बारे में बताया गया है. साथ ही स्टडी में यह भी पाया गया कि अब तक कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से जिन 25 लाख लोगों की दुनियाभर में मौत हुई है उनमें से करीब 90 प्रतिशत यानी 22 लाख लोग उन देशों से थे जहां पर मोटापे की समस्या काफी अधिक है.


कोविड-19 की वजह से मौत के जोखिम को बढ़ा देता है मोटापा


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इस स्टडी में अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी से कोविड-19 की मृत्यु के आंकड़ों को और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी से लिए गए मोटापे के डेटा का विश्लेषण किया गया. स्टडी के ऑथर्स का कहना है कि ऐसे किसी भी देश का उदाहरण मौजूद नहीं है जहां पर कोविड-19 की वजह से होने वाली मौत की दर अधिक है और वहां आम तौर पर अधिक वजन वाले (Overweight) या मोटे लोग मौजूद नहीं हैं. इस स्टडी के को-ऑथर और वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के एक्सपर्ट एडवाइजर टिम लॉबस्टीन कहते हैं, 'जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को देखिए, जहां पर कोविड-19 की वजह से होने वाली मौत के मामले बेहद कम हैं और साथ ही में वयस्कों में मोटापे का लेवल भी. इन देशों ने अपने यहां पब्लिक हेल्थ को प्राथमिकता दी है जिसमें आबादी के वजन सहित कई अन्य उपाय शामिल हैं. यही कारण है कि कोविड-19 महामारी के समय ये उपाय काफी मददगार रहे.'


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जिन देशों में मोटापा अधिक वहां कोविड-19 मृत्यु दर भी अधिक


इसके विपरित स्टडी में यह भी पाया गया कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों का उदाहरण लीजिए जहां पर कोविड-19 की वजह से होने वाली मृत्यु का दर और वयस्कों में मोटापे की समस्या दोनों का ही लेवल काफी अधिक है. WHO के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक मौत के मामले में ब्रिटेन तीसरी नंबर पर है, जहां हर 1 लाख वयस्क पर 184 लोगों की मौत हुई है और ब्रिटेन के 63.7% वयस्क ओवरवेट हैं. वहीं अमेरिका की बात करें तो यहां पर हर 1 लाख मरीज में से 152 लोगों की मौत हुई है और यहां के 67.9% वयस्क ओवरवेट हैं.


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मोटापे को अहम जोखिम कारक के रूप में पहचानने की जरूरत


ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन जॉन विल्डिंग कहते हैं, 'यह बेहद जरूरी है कि हम मोटापे को अहम जोखिम कारक के रूप में पहचानें. इसलिए डायबिटीज और हृदय रोग जैसी अन्य बीमारियों की तरह, मोटापे से ग्रस्त लोगों को भी दुनिया भर में टीकाकरण कार्यक्रमों में प्राथमिकता दिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए।'


(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)


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