मोटे लोगों पर कम असर दिखाएगी कोरोना की ये वैक्सीन, शोध में किया गया दावा
Advertisement
trendingNow1857960

मोटे लोगों पर कम असर दिखाएगी कोरोना की ये वैक्सीन, शोध में किया गया दावा

कोरोना वायरस और उसकी वैक्सीन को लेकर रोजाना कोई न कोई नया दावा किया जा रहा है. अब एक नई स्टडी की मानें तो मोटे लोगों पर कोरोना की वैक्यीन कम असरदार हो सकती है.

मोटे लोगों पर कम असरदार है वैक्सीन!

नई दिल्ली: नए कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 (Covid-19) के साथ ही दुनियाभर में एक और समस्या है जो तेजी से महामारी का रूप लेती जा रही है और वह है मोटापे (Obesity) की समस्या. मोटापे को कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए प्रमुख जोखिम कारक के रूप में देखा जाता है. कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर अब तक जितनी भी रिसर्च सामने आयी है उसमें भी यही बताया गया है कि मोटापे की समस्या कोविड-19 के लिए भी प्रमुख जोखिम कारक है. यानी जो लोग ओवरवेट हैं मोटापे का शिकार हैं अगर उन्हें कोरोना संक्रमण हो जाए तो उनमें इंफेक्शन के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक होता है.

  1. फाइजर की वैक्सीन मोटे लोगों पर है कम असरदार
  2. 248 हेल्थकेयर वर्कर्स पर की गई स्टडी के नतीजे
  3. मोटापे से ग्रस्त लोगों के शरीर में बनीं केवल आधी एंटीबॉडीज

फाइजर की वैक्सीन मोटे लोगों पर कम असरदार

नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 (Sars-cov-2) से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन (Vaccination) भी शुरू हो गया है. इस दौरान स्वास्थ्य सेवा और अन्य इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्ग और वैसे लोग जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उन्हें टीकाकरण में प्राथमिकता दी जा रही है. इन सबके बीच एक नई जानकारी सामने आयी है. एक नई स्टडी की मानें तो Pfizer/BioNTech की वैक्सीन, मोटापे की समस्या से ग्रस्त लोगों को कोविड-19 से सुरक्षित रखने में कम असरदार है. 

ये भी पढ़ें- नींद में अगर 15 मिनट की भी कमी हुई तो मोटापा समेत कई बीमारियों का है खतरा

मोटे लोगों के शरीर में बनी केवल आधी एंटीबॉडीज

रोम के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में एक रिसर्च की जिसे प्री-प्रिंट सर्वर Medrxiv में प्रकाशित किया गया है. इस स्टडी में 248 हेल्थकेयर वर्कर्स पर फाइनल डोज दिए जाने के 7 दिन बाद तक नजर रखी गई. स्टडी में पाया गया कि ओवरवेट या मोटे हेल्थ केयर वर्कर्स को इंजेक्शन का दूसरा डोज लगने के बाद भी उनके शरीर में सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में केवल आधी एंटीबॉडीज (Antibodies) का ही निर्माण हुआ. वैक्सीन की क्षमता और प्रभावकारिता के मद्देनजर इसका क्या मतलब हुआ इस बारे में फिलहाल तो कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसका यह मतलब जरूर हो सकता है कि मोटापे से पीड़ित लोगों को टीके की एक अतिरिक्त बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे कोरोना वायरस से पर्याप्त रूप से सुरक्षित हैं. 

ये भी पढ़ें- डायबिटीज की इस दवा से मोटापा होगा कम, स्टडी का दावा

मोटापे की वजह से कोविड से मौत का खतरा 50 प्रतिशत अधिक

इससे पहले साल 2020 में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की थी जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि मोटापे (बीएमआई 30 से अधिक) की वजह से कोविड-19 संक्रमित लोगों में मौत का खतरा 50 प्रतिशत अधिक था और अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 113 प्रतिशत. इसका प्रमुख कारण ये हो सकात है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों को टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी कई समस्याएं होती हैं. साथ ही शरीर का अतिरिक्त फैट इंसुलिन रेजिस्टेंस और इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है जिसकी वजह से शरीर के लिए इंफेक्शन से लड़ना मुश्किल हो जाता है. 

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

सेहत से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Trending news