Foods to avoid in PCOD: पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिससे कई महिलाएं प्रभावित होती है. यह अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, वजन बढ़ना और यहां तक कि बांझपन समेत कई लक्षणों का कारण बन सकता है. पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डाइट एक अहम रोल निभाता है. आज हम आपको 3 फूड के बारे में बताएंगे, जिन्हें पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को नहीं खाना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड फूड जैसे कि सफेद ब्रेड, शगरी स्नैक्स और बेक्ड फूड इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकते हैं, जो पहले से ही पीसीओडी वाली महिलाओं के लिए एक समस्या है. इसके अलावा, हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड (जैसे कि आलू और सफेद चावल) ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जिससे वजन बढ़ना और पीसीओडी के अन्य लक्षण हो सकते हैं. 


डेयरी प्रोडक्ट्स
दूध, पनीर और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स में हाई लेवल के हार्मोन होते हैं, जो पीसीओडी वाली महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस में हस्तक्षेप कर सकते हैं. इससे इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है और वजन बढ़ सकता है, जो पीसीओडी के सामान्य लक्षण हैं. पीसीओडी वाली कुछ महिलाओं में लैक्टोज असहिष्णुता भी हो सकती है, जिससे डेयरी उत्पादों को पचाना मुश्किल हो जाता है. इसके बजाय, वे बादाम के दूध, सोया दूध या नारियल के दूध जैसे गैर-डेयरी विकल्प चुन सकते हैं.



लाल मांस
लाल मांस में भरपूर मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है जो सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध पैदा कर सकता है. इससे पीसीओडी के लक्षणों का मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. रेड मीट की खपत को सीमित करना बेहतर है और इसके बजाय मछली, चिकन, टर्की, या पौधे-आधारित प्रोटीन जैसे फलियां, टोफू और नट्स जैसे लीन प्रोटीन सोर्स चुनें.


इन फूड से बचने के अलावा, पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को अपने लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नियमित व्यायाम के साथ एक स्वस्थ और बैलेंस डाइट भी बनाए रखना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे.