ADHD In Adult: `Pushpa` मूवी के एक्टर Fahadh Faasil को हुई ये दिमागी बीमारी, नहीं कोई इलाज!
What Is ADHD In Hindi: पुष्पा मूवी में एसपी का किरदार निभाने वाले फहाद फाजिल 41 की उम्र में एडीएचडी नामक डिसऑर्डर से ग्रसित हैं. आमतौर पर समस्या बचपन में होती है, जिसके कारण इसे मैनेज करना ज्यादा आसान होता है.
फहाद फाजिल मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सबसे महंगे एक्टर में से एक हैं. पुष्पा मूवी के बाद इनकी फैन्स फॉलोइंग बहुत तेजी से बढ़ी है. हाल ही में एक्टर ने अपने हेल्थ को लेकर एक ऐसा खुलासा किया है जिसने हर किसी को चौंका कर रख दिया है.
केरल के एर्नाकुलम जिले के कोथमंगलम में विकलांग बच्चों के लिए बनाए गए पीस वैली स्कूल के उद्घाटन के अवसर पर एक्टर ने बताया कि वह एडीएचडी नामक एक डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं. जो कि आमतौर पर बचपन में होता लेकिन उन्हें 41 की उम्र में इसका सामना करना पड़ रहा है. क्या एडीएचडी है? और इससे जुड़ी जरूरी जानकारी आप इस लेख की मदद से जान सकते हैं.
क्या है एडीएचडी
एडीएचडी यानी कि एडल्ट अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, एक एक ऐसी स्थिति है जो मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करती है. यह डिसऑर्डर सामान्य तौर पर बचपन में शुरू होता है. जहां कुछ लोग इससे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, वहीं कुछ लोगों के साथ यह कंडीशन सारी उम्र बनी रहती है.
एडीएचडी वाले लोगों में क्या अलग होता है
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, एडीएचडी वाले लोग न्यूरोडायवर्जेंट होते हैं. आसान शब्दों में इनका दिमाग अलग तरह से विकसित होता है. एडीएचडी वाले लोगों में ब्रेन के कुछ हिस्से असमान एक्टिविटी होती है. जिसके कारण योजना बनाने, तर्क करने, निर्णय लेने और अपना ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है.
एडीएचडी के नुकसान
इस डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को ना सिर्फ सोचने समझने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि उन्हें अपने रिलेशनशिप में भी बहुत दिक्कतें आती हैं. ये लोग ज्यादा देर तक वेट नहीं कर पाते हैं, दूसरे की बातों को देर तक सुनना इनके लिए एक कठिन काम होता है.
एडीएचडी के लक्षण
गर्म मिजाज
चीजों को व्यवस्थित करने में परेशानी
टाइम मैनेजमेंट में दिक्कत
फोकस ना कर पाना
मल्टीटास्किंग में परेशानी
हर काम में हड़बड़ी या बेचैनी
चीजें सही से प्लान न कर पाना
मूड स्विंग
आसानी से निराश होना
एडीएचडी का इलाज क्या है?
अगर एडीएचडी का निदान बचपन में ही हो जाए तो इसे आसान से ठीक किया जा सकता है. लेकिन व्यस्क लोगों में इस डिसऑर्डर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. लेकिन मेडिकेशन और टॉक थेरेपी की मदद से इस कंडीशन को काफी हद तक मैनेज करना संभव है.
किन लोगों को होता है एडीएचडी का खतरा
मायो क्लिनिक के अनुसार, एडीएचडी जेनेटिक होता है. यदि आपके ब्लड रिलेशन में पहले किसी को यह डिसऑर्डर रहा है तो आपको भी इसका सामना करना पड़ सकता है. इसका जोखिम उन बच्चों में ज्यादा होता है जिनकी मां प्रेग्नेंसी के दौरान सिगरेट, शराब या ड्रग्स लेती हैं. साथ ही प्रीमैच्योर बच्चों में एडीएचडी होने का खतरा ज्यादा होता है. इसके अलावा पुरानी बिल्डिंग, पाइप या पेंट में पाए जाने वाले टॉक्सिन भी इस डिसऑर्डर का कारण बनते हैं.