हिन्दू धर्म में सावन के महीने में नॉनवेज फूड नहीं खाने की सलाह दी जाती है. वैसे तो ज्यादातर लोगों को ऐसा करने का कारण धार्मिक लग सकता है. लेकिन हेल्थ के नजरिए से भी नॉनवेज नहीं खाना फायदेमंद होता है. क्योंकि सावन बारिश का महीना होता है, जिसमें गंदगी के कारण इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है. ये बैक्टीरिया फूड्स आइटम पर भी मौजूद होते हैं. ऐसे में यदि आप नॉनवेज फूड्स खा रहे हैं तो यह समस्याएं आपको परेशान कर सकते हैं- 


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संक्रमण का खतरा

मानसून में बैक्टीरिया और कीटाणु तेजी से बढ़ते हैं. मांसाहार में इसके पनपने की अधिक संभावना होती है. अगर मांस ठीक से नहीं पकाया जाता है तो इनके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इससे फूड पॉइजनिंग, टाइफाइड आदि जैसी बीमारियों का खतरा रहता है.

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कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

बारिश के मौसम में मांसाहार शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है. इससे संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है.


भारी भोजन

मांसाहार को आमतौर पर भारी भोजन माना जाता है. मानसून में शरीर को हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन चाहिए होता है. ऐसे में बारिश के मौसम में मांसाहार खाने से डाइजेशन प्रॉब्लम हो सकती है. 


त्वचा संबंधी समस्याएं

मानसून में त्वचा संवेदनशील हो जाती है. ऐसे में नॉनवेज फूड्स हैवी होने के कारण त्वचा पर अतिरिक्त भार डाल सकते हैं. जिससे मुंहासे, एक्जिमा जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है.


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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.