वॉशिंगटन: सेकेंड हैंड धूम्रपान के खतरे जगजाहिर हैं. अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि थर्ड-हैंड धूम्रपान (टीएचएस) भी किसी व्यक्ति के श्वसन स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, ऐसा जीन एक्सप्रेशन में बदलाव से हो सकता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस शोध का प्रकाशन इस हफ्ते के जामा नेटवर्क ओपन के हालिया संस्करण में किया गया है.


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इससे पता चलता है कि थर्ड हैंड धूम्रपान श्वसन तंत्र में इपीथिलियल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. टीएचएस का परिणाम धूम्रपान में श्वास छोड़ने व सिगरेट के जलने से निकलने वाले धुएं के सतह जैसे कपड़े, बाल व फर्नीचर पर गिरने की वजह से होता है.


यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया रिवरसाइड (यूसीआर) के शोधकर्ताओं ने पाया कि 27 से 49 साल की आयु वाली चार स्वस्थ धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं के नेजल स्क्रेप्स को बिना किसी क्रम के स्वच्छ वायु के संपर्क में रखा गया और इसके बाद तीन घंटे के लिए टीएचएस के संपर्क में रखा गया.


शोधकर्ताओं ने उनके राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) के जीन एक्सप्रेशन में बदलाव की जांच के लिए उनका आरएनए लिया. अध्ययन के अनुसार, डेटा सेट में लगभग 10,000 जीनों में से कुल 382 जीनों में महत्वपूर्ण रूप से अधिक बदलाव और सात अन्य जीनों में कम बदलाव देखे गए.