Sleeping Mistakes: रोज अलग-अलग समय पर सोना खतरनाक, जानिए कैसे नींद का लंबी जिंदगी से है संबंध?
नियमित बेहतर नींद लेना बुढ़ापे को रोकने में मददगार होता है. लेटेस्ट अध्ययन में कहा गया है बेहतर नींद सेहत के लिए तो फायदेमंद है साथ ही यह सेल्स के बूढ़े होने की प्रक्रिया को भी धीमा करती है.
Sleeping Mistakes: अमेरिका में हुए एक हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि नियमित बेहतर नींद लेना बुढ़ापे को रोकने में मददगार होता है. अध्ययन में कहा गया है बेहतर नींद सेहत के लिए तो फायदेमंद है साथ ही यह सेल्स के बूढ़े होने की प्रक्रिया को भी धीमा करती है.
ऑगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं अध्ययन के लिए अमेरिका के शनल हेल्थ न्यूट्रीशन एक्जामिनेशन के छह हजार प्रतिभागियों के नींद के स्वरूपों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. उनकी औसत उम्र 50 साल थी. प्रतिभागियों को अध्ययन के लिए चार से सात दिनों तक के ट्रैकर पहनाया गया. इससे उनकी नींद की अवधि और नियमितता जैसी जानकारियां मिल सकीं. शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के खून के नमूनों का विश्लेषण कर उनकी जैविक उम्र के साथ तनाव, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि की जानकारी भी हासिल की.
रोज अलग-अलग समय पर नींद लेना खतरनाक
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों ने हर रोज अलग- अलग समय पर नींद ली, उनकी जैविक उम्र में भी अंतर पाया गया. यह सेहत के लिए खतरनाक है. अध्ययन के मुताबिक नियमित नींद का शेड्यूल बनाए रखना सेल्स के लेवल पर ही उम्र ढलने की प्रक्रिया की गति को धीमा कर देता है. यह लोग को लंबा और सेहतमंद जीवन जीने में मददगार होता है. वहीं, बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन के निष्कर्ष से साफ है कि बेहतर नींद का उम्र ढलने की प्रक्रिया के बीच सीधा संबंध है.
अध्ययन में क्या बात आई सामने?
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों के नींद लेने की प्रक्रिया में लचीलापन था, उनकी कोशिकाओं की उम्र नियमित नींद वालों की तुलना में नौ महीने ज्यादा थी. शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारी आंतरिक घड़ी हमारी जैविक घड़ी को निर्धारित करने वाली मूल प्रणाली को प्रभावित करती है. यह डाटा दर्शाता है कि अनियमित नींद का शेड्यूल सेल्स के लेवल पर ही उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता हैं. इतना ही नहीं इससे बढ़ती उम्र के सेहत संबंधी विकार और यहां तक कि जल्दी मौत की संभावना भी बढ़ जाती है.
इन गतिविधियों पर भी रखी नजर
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों की शराब सेवन, धूम्रपान, सेहत, वजन, शारीरिक गतिविधियों जैसे पहलुओं पर भी नजर रखी. शोधकर्ताओं ने पाया कि 65 फीसदी प्रतिभागियों ने हर रोज अलग-अलग समय पर 7 से 9 घंटे के बीच की नींद ली. वहीं, 16 फीसदी प्रतिभागियों ने सात घंटे, जबकि 19 फीसदी लोगों ने नौ घंटे की नींद ली. इस दौरान शोधकर्ताओं ने जैविक उम्र के नींद के स्वरूप से गहरा संबंध पाया.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.