Snoring: सेहत के लिए खर्राटे लेना हमेशा एक खराब आदत मानी गई है. कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 20 साल की उम्र में खर्राटे लेने वाले युवाओं में भविष्य में हार्ट अटैक का खतरा व स्ट्रोक का खतरा 60% तक बढ़ जाता है. यानी ऐसे युवाओं में दिल से जुड़ी समस्याएं पांच गुना ज्यादा होता है.


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कैलिफोर्निया में 20 से 50 साल के 7,66,000 लोगों पर एक अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में पाया गया कि खर्राटे लेने वाले लोगों में तेज आवाज में खर्राटे लेने और सोते समय हांफने की समस्या अधिक होती है. शोधकर्ताओं ने 10 साल तक उम्मीदवारों की निगरानी की और पाया कि खर्राटे लेने वालों में खर्राटे न लेने वालों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा 60% तक बढ़ गया.


खर्राटे के कारण क्या हैं?
अत्यधिक वजन: अतिरिक्त वजन आपके गले के आसपास के टिशू को संकुचित कर सकता है.
नाक की रुकावट: नाक में रुकावट, जैसे कि साइनस संक्रमण या एलर्जी के कारण, खर्राटे का कारण बन सकती है.
गले में टॉन्सिल या एडेनोइड का बढ़ना: बच्चों में, टॉन्सिल और एडेनोइड का बढ़ना खर्राटे का एक आम कारण है.
गले की मांसपेशियों का कमजोर होना: गले की मांसपेशियों का कमजोर होना खर्राटे का कारण बन सकता है.
शराब और नींद की दवाएं: शराब और नींद की दवाएं आपकी मांसपेशियों को आराम दे सकती हैं, जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो सकता है.
सिगरेट पीना: धूम्रपान आपके गले के टिशू को सूखा और अस्थिर बना सकता है, जिससे खर्राटे का खतरा बढ़ जाता है.


अदरक दूर करेगा खर्राटे
अदरक में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो खर्राटों को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके साथ-साथ साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, योगार्ट और अलसी के बीज का सेवन करने से भी खर्राटे को कम दिया जा सकता है. हालांकि, यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि ये फूड हर किसी के लिए काम नहीं कर सकते हैं. यदि आप खर्राटों के बारे में चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.