Deficiency of vitamin k: विटामिन के एक आवश्यक पोषक तत्व है जो रक्त के थक्के जमने, हड्डियों के स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है. यह फैट सॉल्युबल विटामिन का एक ग्रुप है, जिसकी कमी एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो ब्लीडिंग, हड्डी की सेहत और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. उदाहरण के लिए, यदि आपके शरीर का वजन 45 किलोग्राम है, तो आपको प्रतिदिन 45 माइक्रोग्राम विटामिन K की आवश्यकता होती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विटामिन के की कमी के लक्षण: आसानी से ब्लीडिंग, खून के थक्के जमने में देरी, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी के दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और कमजोरी महसूस होना विटामिन K की कमी के कुछ लक्षण हैं.


फाइटोनाडियोन नाम का एक कंपाउंड विटामिन के की कमी को दूर करने में मदद करता है. बता दें कि फाटोनडाइओन एक आर्टिफिशियल रूप से निर्मित विटामिन K है, जिसे सिंथेटिक विटामिन K या विटामिन K1 के रूप में भी जाना जाता है. यह एक रंगहीन, क्रिस्टलीय कंपाउंड है जो पानी में घुलनशील होता है. फाइटोनाडियोन का उपयोग खून के थक्के जमने में मदद करने के लिए किया जाता है. अगर आपके शरीर में विटामिन के की कमी है तो नीचे बताए गए फाइटोनाडियोन से भरपूर चीजों का सेवन करें.


  • हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल और ब्रोकोली जैसी डार्क हरी पत्तेदार सब्जियां फाइटोनाडियोन का रिच सोर्स है.

  • ब्रसेल्स स्प्राउट्स: ब्रसेल्स स्प्राउट्स फाइटोनाडियोन का एक और अच्छा सोर्स हैं और विटामिन K की कमी को दूर कर सकता है. 

  • पत्तागोभी: पत्तागोभी में फाइटोनाडियोन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

  • सौरक्राउट: सौरक्राउटएक फर्मेंटेड पत्तागोभी है जो फाइटोनाडियोन का भी अच्छा सोर्स है.

  • अंडे की जर्दी: अंडे के पीले वाले हिस्से में फाइटोनाडियोन पाया जाता है.

  • पनीर: पनीर फाइटोनाडियोन का अच्छा सोर्स है.

  • सोयाबीन: सोयाबीन फाइटोनाडियोन का अच्छा सोर्स है.

  • मेवे: बादाम और अखरोट जैसे मेवे फाइटोनाडियोन का अच्छा सोर्स हैं.

  • बीज: अलसी और चिया बीज जैसे बीज, फाइटोनाडियोन का अच्छा सोर्स हैं.


फाइटोनाडियोन डाइटरी फाइबर के रूप में भी उपलब्ध है. हालांकि, कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.