उमर बचपन की, दिल पचपन का: कम उम्र में दिल की धड़कनें क्यों हो रही हैं अनियमित?
हम अक्सर सुनते हैं कि दिल की बीमारियां बढ़ती उम्र के लोगों को होती हैं, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने रखे हैं. अध्ययन के अनुसार, अब युवाओं में भी दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.
हम अक्सर सुनते हैं कि दिल की बीमारियां बढ़ती उम्र के लोगों को होती हैं, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने रखे हैं. अध्ययन के अनुसार, अब युवाओं में भी दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. खासकर एट्रियल फिब्रिलेशन नामक बीमारी युवाओं में तेजी से फैल रही है.
एट्रियल फ्रिब्रिलेशन एक दिल से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में हार्ट के चैंबरों के बीच कॉर्डिनेशन का अभाव होने लगता है. आसान शब्दों में समझें तो हमारे दिल में चार चैंबर होते हैं. ये चैंबर एक समन्वित तरीके से काम करते हैं ताकि खून पूरे शरीर में पंप हो सके. लेकिन एट्रियल फिब्रिलेशन में ये समन्वय बिगड़ जाता है और दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है. इससे खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
युवाओं में क्यों बढ़ रही है ये बीमारी?
अध्ययन के अनुसार, युवाओं में बढ़ते मोटापे, अनियमित नींद, तनाव, हाई ब्लड प्रेशर , थायराइड की समस्याएं और शराब का सेवन जैसे कारणों से एट्रियल फिब्रिलेशन का खतरा बढ़ रहा है.
एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण
* दिल की धड़कन का तेज होना या अनियमित होना
* सांस लेने में तकलीफ
* चक्कर आना
* कमजोरी महसूस होना
* सीने में दर्द
एट्रियल फिब्रिलेशन से बचाव
* हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
* नियमित व्यायाम करें
* बैलेंस डाइट लें
* तनाव कम करें
* पर्याप्त नींद लें
* धूम्रपान और शराब से दूर रहें
* नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं
एट्रियल फिब्रिलेशन का इलाज
एट्रियल फिब्रिलेशन का इलाज मरीज की स्थिति के आधार पर किया जाता है. इसमें दवाएं, लाइफस्टाइल में बदलाव या सर्जरी शामिल हो सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.